भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI D Y Chandrachud) ने शुक्रवार को कहा कि उनकी निजी राय है कि बच्चों को जितना संभव हो कम पढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने स्कूल के सिलेबस (School Curriculum) में पूर्वोत्तर से संबंधित इतिहास और भूगोल को शामिल करने के लिए दिशा-निर्देश मांगने वाले एक याचिकाकर्ता से कहा, “सूचनाओं की अधिकता पैदा करने के बजाय, हमें उनके दिमाग को खोलने में मदद करनी चाहिए।”
हालांकि, CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह कहते हुए याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि ये अकादमिक नीति के मामले हैं और अदालत सरकार को यह निर्देश नहीं दे सकती कि क्या पढ़ाना है। इसके बाद शुक्रवार को ही मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने डॉ एल एम सिंघवी मेमोरियल लेक्चर (Dr L M Singhvi Memorial Lecture) के लिए न्यायाधीशों, वकीलों, पूर्व नौकरशाहों और कांग्रेस नेताओं की भीड़ के बीच भी अपनी मौजूदगी दर्ज की।
CJI को सुनने पहुंचे थे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) भी उनको सुनने वालों के बीच बैठे थे। दिल्ली एमसीडी चुनावों (Delhi MCD Polls) के लिए प्रचार समाप्त होने के बाद सीएम केजरीवाल इस मेमोरियल लेक्चर के लिए समय पर पहुंचकर सबको चौंका दिया। क्योंकि कोई इस तरह की उम्मीद नहीं कर रहा था। क्योंकि अरविंद केजरीवाल का नाम आमंत्रण पत्र पर नहीं था। कार्ड पर सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के नाम ही थे।
अटॉर्नी जनरल की किताब का उपराष्ट्रपति ने किया विमोचन
दूसरी ओर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक आवास पर एक पुस्तक विमोचन समारोह में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि की तारीफ की। धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुने गए वेंकटरमणि पूरी तरह से इस पद के हकदार थे। धनखड़ ने विधि आयोग के पूर्व सदस्य एस शिवकुमार की पुस्तक ‘द लॉ कमीशन ऑफ इंडिया ऑन क्रिमिनल जस्टिस रिफॉर्म्स’ का विमोचन किया।
अशोक स्तंभ में शेर के लुक पर फिर चर्चा
इस मौके पर ने अटॉर्नी जनरल (Attorney General R Venkataramani) ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को अशोक स्तंभ की प्रतिकृति भेंट की। उपहार मिलने के बाद जगदीप धनखड़ ने उपहार का बारीकी से अवलोकन किया। उन्होंने हल्के मूड में इस बारे में कहा कि वह जाँच कर रहे हैं कि क्या ये शेर मूल अशोक स्तंभ पर मौजूद शेरों से मेल खाते हैं। बता दें कि नए संसद भवन पर लगे अशोक स्तंभ के शेरों को लेकर बीते दिनों देश में लंबी बहस चली थी।