चुनाव में ओवैसी के तीन हिंदू उम्मीदवारों ने भी जीता चुनाव, इतनों को दिया था टिकट
हिंदू उम्मीदवारों में पुरानापुल वार्ड से सुन्नत राज मोहन, फलकनुमा वार्ड से के धारा भाई और कारवान वार्ड से मांदगिरी स्वामी यादव ने जीत दर्ज की।

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का सबसे बेहतरीन स्ट्राइक रेट रहा। पार्टी ने 51 सीटों पर उम्मीदवार खड़ें किए और 44 पर जीत दर्ज की। पिछले चुनाव में भी पार्टी ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
चुनाव में AIMIM ने पांच हिंदू उम्मीदवारों को भी टिकट दिया, जिनमें तीन चुनाव जीतने में कामयाब रहे। हिंदू उम्मीदवारों में पुरानापुल वार्ड से सुन्नत राज मोहन, फलकनुमा वार्ड से के धारा भाई और कारवान वार्ड से मांदगिरी स्वामी यादव ने जीत दर्ज की। वहीं जामबाग वार्ड से जलादा रविंद्र और कुतुबुल्लापुर वार्ड से ईं राजेश गौड़ को हार का सामना करना पड़ा।
Highlights
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से भाजपा का मुकाबला करती रहेगी। इतना ही नहीं, उन्होंने इसे बीजेपी की लहर मानने से साफ इनकार कर दिया।
हैदराबाद नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी भले ही दूसरे स्थान पर रही, लेकिन भगवा पार्टी को इस चुनाव ने तेलंगाना में जश्न मनाने के लिए बड़ा मौका दिया है। इस चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान टीआरएस को हुआ है। पिछले चुनाव में 99 सीटों के साथ नगर निगम पर कब्जा करने वाली टीआरएस को इस चुनाव में काफी नुकसान हुआ है।
BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हैदराबाद निकाय चुनाव के परिणाम को ऐतिहासिक बताया और कहा कि जनता ने मोदी जी के नेतृत्व को अभूतपूर्व समर्थन दिया है। नतीजे आने के बाद ओवैसी ने कहा हमारी पार्टी ने 44 सीट जीता है और हमने अपने जीते हुए नेताओं से कह दिया है कि वे कल से काम शुरू कर दें।
बीजेपी के साथ ज्यादातर चुनावों में मात खाने वाली कांग्रेस ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में भी हार गई। कांग्रेस ने निगम की 150 सीटों में से 146 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और सिर्फ 2 ही जीत अपने नाम कर सके। कांग्रेस से ज्यादा तेलुगू देशम पार्टी (TDP) की स्थिति खराब रही क्योंकि इसने 106 सीटों पर उम्मीदवारों को उतारा और एक भी उम्मीदवार जीत कर पार्टी के लिए खाता खोल पाने में नाकाम रहा।
केंद्र में गृहराज्य मंत्री रेड्डी ने कहा कि लोग असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ है। साल 2023 के चुनावों में बीजेपी को ना तो के चंद्रशेखर राव रोक पाएंगे और ना ही ओवैसी... पार्टी तेलंगाना में अगली सरकार बनाएगी।
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव नतीजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास और प्रशासन के मॉडल को मिला समर्थन दर्शाते हैं। हैदराबाद के लोगों ने स्पष्ट कर दिया है कि 2023 में होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजे क्या होंगे। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि तेलंगाना के लोगों ने भ्रष्ट केसीआर सरकार को अलविदा कहने का फैसला किया है।
हैदराबाद में स्थानीय चुनावों के लिए प्रभारी नियुक्त किए गए भूपेंद्र यादव ने कहा कि चुनाव नतीजे बहुत ही उत्साहवर्द्धक हैं। ये बीजेपी का मनोबल बढ़ाने वाले हैं। इससे प्रदर्शित होता है कि पीएम मोदी के नेतृत्व और सुशासन के उनके मॉडल की सभी क्षेत्रों में स्वीकार्यता है। बीजेपी राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस की एकमात्र विकल्प और उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरी है। पार्टी के प्रदर्शन से यह भी प्रदर्शित होता है कि जनता ने वंशवाद की राजनीति के खिलाफ और टीआरएस के भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना जनादेश दिया है।
ग्रेटर हैदराबाद चुनाव मुद्दे पर आयोजित आजतक के डिबेट शो हल्ला बोल में ओवैसी बिफर पड़े। उन्होंने कथि तौर पर भाजपा पर निशाना साधता हुए कहा कि वो मरने के बाद भी दस नस्लों को देशभक्ति साबित करने के लिए कहेंगे। उन्होंने कहा भाड़ में जाएं, मुझे देशभक्ति के प्रमाणपत्र की जरुरत नहीं।
ग्रेटर हैदराबाद निगम चुनाव नतीजों के बाद सवाल उठ रहे हैं कि मेयर किस पार्टी का होगा। चुनाव में भाजपा ने टीआरएस को जबर्दस्त नुकसान पहुंचाया है और 2023 के असेंबली इलेक्शन में भी उससे खतरा है, ऐसे में संभव है कि टीआरएस मेयर पद के चुनाव में बीजेपी का साथ न ले। उधर ओवैसी ने चुनाव नतीजे आने के साथ ही इशारों में ही कह दिया है कि वो केसीआर का साथ देने को तैयार हैं।
केंद्र में गृहराज्य मंत्री रेड्डी ने कहा कि लोग असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ है। साल 2023 के चुनावों में बीजेपी को ना तो के चंद्रशेखर राव रोक पाएंगे और ना ही ओवैसी... पार्टी तेलंगाना में अगली सरकार बनाएगी।
भारतीय जनता पार्टी ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन कर सभी को ना सिर्फ चौंका दिया है, बल्कि मेयर की गणित भी बिगाड़ दी है। 150 सीटों वाले इस चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। मेयर बनाने कि किसी दो पार्टी को साथ आना ही होगा। इस बात की कयासबाजी तेज हो गई है कि चुनाव में सबसी बड़ी पार्टी बनकर उभरी टीआरएस और तीसरे नंबर पर रही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM मेयर बनाने के लिए गठबंधन कर सकती है। हालांकि बीजेपी दोनों पर परोक्ष रूप से एक-दूसरे की मदद करने का आरोप लगाती रही है।
बीजेपी के साथ ज्यादातर चुनावों में मात खाने वाली कांग्रेस ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में भी हार गई। कांग्रेस ने निगम की 150 सीटों में से 146 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और सिर्फ 2 ही जीत अपने नाम कर सके। कांग्रेस से ज्यादा तेलुगू देशम पार्टी (TDP) की स्थिति खराब रही क्योंकि इसने 106 सीटों पर उम्मीदवारों को उतारा और एक भी उम्मीदवार जीत कर पार्टी के लिए खाता खोल पाने में नाकाम रहा।
हैदराबाद निकाय चुनाव में मिली अप्रत्याशित जीत के बाद भाजपा के खेमे में खुशी की लहर दौड़ गयी है। भाजपा नेता भूपेंद्र यादव ने कहा कि 'मैं हैदराबाद के लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता जिन्होंने भाजपा के गुड गर्वेंनस के मॉडल को पसंद किया. तह टीआरएस की नैतिक हार है। हम प्रदेश के लोगों की बेहतरी के लिए लगातार काम करते रहेंगे। वहीं BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हैदराबाद निकाय चुनाव के परिणाम को ऐतिहासिक बताया और कहा कि जनता ने मोदी जी के नेतृत्व को अभूतपूर्व समर्थन दिया है। नतीजे आने के बाद ओवैसी ने कहा हमारी पार्टी ने 44 सीट जीता है और हमने अपने जीते हुए नेताओं से कह दिया है कि वे कल से काम शुरू कर दें।
आपको बता दें कि सत्तारूढ़ टीआरएस 150 वार्डों वाले जीएचएमसी चुनाव में 55 सीटों जीतने वाली एकल सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। वहीं, बीजेपी 48 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। पिछले चुनाव में भगवा पार्टी के पास महज चार सीटें थीं। वहीं, एआईएमआईएम ने अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराते हुए 44 सीटों पर जीत दर्ज की है। 149 के परिणामों की घोषणा की गई क्योंकि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मतगणना को एक वार्ड में रोकना पड़ा।
कर्नाटक में कई बार सत्ता हासिल करने के बाद भाजपा अभी तक दक्षिण के अन्य राज्यों में अपना मजबूत स्थान नहीं बना पाई थी, लेकिन अब हैदराबाद ने दूसरा रास्ता भी खोल लिया है। हैदराबाद से तेलंगाना की राजनीति तो पार्टी करेगी ही, वह यहां से आंध्र प्रदेश में भी आगे बढ़ने की कोशिश करेगी। ये दोनों राज्य उसकी भावी रणनीति में अहम होंगे। तमिलनाडु और केरल उसकी अभी भी कमजोर कड़ी है, लेकिन हैदराबाद का आक्रमक रणनीति से बना रास्ता उसे दक्षिण के अन्य राज्यों तक पहुंचा सकता है। दरअसल भाजपा के लिए दक्षिण भारत में अपनी मजबूत पहचान और विश्वसनीयता को कायम करना है ताकि क्षेत्रीय दलों के वर्चस्व वाले इन राज्यों में वह पैठ बना सके।
हैदराबाद के नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस 146 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी। टीडीपी के उम्मीदवार 106 सीटों पर खड़े थे। वहीं एमआईएम ने 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। सीपीआई 17 सीटों पर जबकि सीपीएम 12 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी।
बता दें कि चुनाव में एआईएमआईएम ने अपनी केवल सात सीटें गंवाई हैं। ज्यादातर पार्षद अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। इनमें सैयद मिन्हाजुद्दीन तीसरी बार अकबरबाग से और सलीम बेग चौथी बार रियासत नगर से चुनाव जीत गए। पुराना पुल से चुनाव लड़ रहे राज मोहन भी चौथी बार अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। एआईएमआईएम ने आजमपुरा में अपनी प्रतिद्वंदी मजलिस बचाओ तहरीक (एमबीटी) को भी 3 हजार मतो के अंतर से हरा दिया।
ओवैसी ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के बारे में बात करते हुए कहा, “टीआरएस हमारे विपक्ष में है, लेकिन तेलंगाना में यह एक दुर्जेय राजनीतिक पार्टी है, इसे स्वीकार करना होगा। यह तेलंगाना की क्षेत्रीय भावना का प्रतिनिधित्व करता है। मुझे यकीन है कि के चंद्रशेखर राव इन चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे। मुझे यकीन है कि वह भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।”
भारतीय जनता पार्टी ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन कर सभी को ना सिर्फ चौंका दिया है, बल्कि मेयर की गणित भी बिगाड़ दी है। 150 सीटों वाले इस चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। मेयर बनाने कि किसी दो पार्टी को साथ आना ही होगा। इस बात की कयासबाजी तेज हो गई है कि चुनाव में सबसी बड़ी पार्टी बनकर उभरी टीआरएस और तीसरे नंबर पर रही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM मेयर बनाने के लिए गठबंधन कर सकती है। हालांकि बीजेपी दोनों पर परोक्ष रूप से एक-दूसरे की मदद करने का आरोप लगाती रही है।
हैदराबाद नगर निगम चुनाव के नतीजों से खुश भाजपा ने इसे पार्टी की नैतिक जीत बताया है। पार्टी के महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि चुनाव के नतीजे उत्साह बढ़ाने वाले हैं और भाजपा राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस के एकमात्र विकल्प के रूप में उभरी है। वहीं, भाजपा की इस जीत के बाद दक्षिण भारत में पार्टी अपनी पकड़ और तेज करेगी।
2016 के चुनाव में भाजपा को महज चार सीटें मिली थीं। उस साल इसने टीडीपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी ने 150 में से 99 सीटें जीतकर नगर निगम पर अपना परचम लहराया था।
नतीजों के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा। एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पार्टी के प्रदर्शन से खुश दिखे। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि जहां-जहां अमित शाह और योगी आदित्यनाथ प्रचार करने गए, वहां बीजेपी को हार मिली।
AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद में कहा, 'हमने हैदराबाद ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (जीएचएमसी) चुनाव में 44 सीटों पर जीत हासिल की है। मैंने सभी नवनिर्वाचित नगरसेवकों से बात की है और उन्हें कल से ही अपना काम शुरू करने के लिए कहा है।'
150 सीटों वाले हैदराबाद निकाय में बीजेपी ने 48 सीटों पर कब्जा जमा लिया। यह वही बीजेपी है जिसके हिस्से इस निकाय में 2016 के पिछले चुनाव में सिर्फ चार सीटें आ सकी थीं। यानी, सिर्फ चार साल में बीजेपी ने अपना प्रदर्शन 11 गुना बढ़ा लिया। वह सत्तारूढ़ दल तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है जबकि टीआरएस पिछली बार के 99 सीटों से 55 सीटों तक सिमट गई है।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि 'जब चुनाव चल रहे थे तो मुझे उलाहना दी गई थी कि गली के चुनाव में बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष आया है और उस समय भी हमने कहा था कि ये एक तरीके से हैदराबाद की जनता का निरादर है। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में बीजेपी के लिए ऐतिहासिक परिणाम पीएम मोदी के प्रति लोगों के असमान समर्थन को दर्शाता है। हैदराबाद के लोगों ने स्पष्ट कर दिया है कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव (2023) के परिणाम क्या होंगे? मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि तेलंगाना के लोगों ने भ्रष्ट केसीआर सरकार को अलविदा कहने का फैसला किया है।'
हैदराबाद निगम चुनाव में त्रिशंकु की स्थित बन गई है। सत्ताधारी टीआरएस पार्टी 99 से गिरकर 55 सीट पर सिमट गई, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम 44 सीट जीतकर तीसरे स्थान पर रही। कांग्रेस को महज दो सीट से संतोष करना पड़ा।
ग्रेटर हैदराबाद निगम चुनाव में भाजपा की भारी जीत पर यूपी के सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भाग्यनगर का भाग्योदय प्रारंभ हो रहा है।
हैदराबाद नगर निगम में जीत से बीजेपी को दक्षिण में अपनी स्थिति मजबूत करने में और बल मिलेगा। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि इससे दक्षिण के लोगों में बीजेपी के प्रति समर्थन बढ़ा है।
चुनाव के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली टीआरएस के साथ बीजेपी के लिए भी साख और सम्मान की लड़ाई के तौर पर माना जा रहा है। मौजूदा समय में नगर निकाय में बीजेपी के पास सिर्फ चार सीटें हैं। पर इन चुनावों में बीजेपी ने भी किसी बड़े चुनाव के तौर पर ताकत झोंकी। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक पार्टी प्रचार के लिए हैदराबाद पहुंचे। राजनीतिक एक्सपर्ट्स की मानें तो यह चुनाव आगामी 2023 के विधानसभा चुनाव के लिटमस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है।
बीजेपी अपनी बढ़त को नैतिक जीत बता रही है. बीजेपी महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा, ‘‘(चुनाव) परिणाम बहुत ही उत्साहवर्द्धक हैं, बीजेपी का मनोबल बढ़ाने वाले हैं तथा एक तरह से यह पार्टी के लिए नैतिक जीत है। (चुनाव) परिणाम से यह प्रदर्शित होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व और सुशासन के उनके मॉडल की सभी क्षेत्रों में स्वीकार्यता है।’’
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि हैदराबाद एक मिनी इंडिया है जहां टीआरएस की 99 सीटें थीं, उनकी 55 सीटें कम हो गई हैं और जहां हमारी चार सीटें थीं वो बढ़कर 50 हो गई हैं। आज का रिजल्ट 2023 में तेलंगाना में भाजपा पार्टी को लाने के लिए जनता का आशीर्वाद है।
बीजेपी अपनी बढ़त को नैतिक जीत बता रही है. बीजेपी महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा, ‘‘(चुनाव) परिणाम बहुत ही उत्साहवर्द्धक हैं, बीजेपी का मनोबल बढ़ाने वाले हैं तथा एक तरह से यह पार्टी के लिए नैतिक जीत है। (चुनाव) परिणाम से यह प्रदर्शित होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व और सुशासन के उनके मॉडल की सभी क्षेत्रों में स्वीकार्यता है।’’
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने राज्य के निर्वाचन आयोग के उस परिपत्र पर शुक्रवार को रोक लगा दी जिसमें ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव में मानक स्वास्तिक चिह्न के अलावा ''अन्य चिन्ह'' वाले मततेलंगाना उच्च न्यायालय ने राज्य के निर्वाचन आयोग के उस परिपत्र पर शुक्रवार को रोक लगा दी जिसमें ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में मानक स्वास्तिक चिह्न के अलावा ''अन्य चिन्ह'' वाले मतपत्रों की गिनती को भी मान्यता दी गई थी।पत्रों की गिनती को भी मान्यता दी गई थी।
भाजपा 2016 के चुनाव में मिली सिर्फ चार सीटों पर जीत की तुलना में इस बार बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। भगवा पार्टी ने वह चुनाव तेलुगू देशम पार्टी (तेदपा) के साथ गठबंधन कर लड़ा था।
हैदराबाद निकाय चुनावों में जीत से बीजेपी खुश है। पार्टी के नेता गौरव भाटिया ने आज तक चैनल के शो दंगल में अपने बयानों से यह ख़ुशी ज़ाहिर भी की। उन्होंने बतौर पैनलिस्ट बैठे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के सांसद को कहा- इलाक़ा तेरा, धमाका मेरा।
TRS 70 सीटों पर तो भाजपा टीआरएस नेता के कविथा ने कहा कि पार्टी ज्यादातर सीटों पर जीत रही है। चूंकि पेपर बैलट से मतदान हुआ था, इसलिए सटीक संख्या प्राप्त करने के लिए हमें 3-4 घंटे इंतजार करना होगा। मेरा मानना है कि बीजेपी की संख्या में और गिरावट आएगी और टीआरएस को भारी समर्थन मिलेगा। 30 सीटों पर आगे चल रही है. असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM 24 सीटों पर आगे चल रही है.
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के लिए हो रहे चुनाव में शाम 4 बजे तक 29.76 फीसदी मतदान हुआ। यही नहीं, बीजेपी ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन की विधायक मुमताज खान के खिलाफ नियमों के उल्लंघन करने के आरोप में शिकायत की है।
हाउस मोशन की सुनवाई के दौरान जस्टिस अभिषेक रेड्डी ने निर्वाचन आयोग के सर्कुलर को सस्पेंड करते हुए कहा कि पेन के निशान वाले बैलट पेपर को अलग रखा जाए और अगर इनकी वजह से चुनाव परिणाम को नुकसान होता दिख रहा है तो रिजल्ट की घोषणा न की जाए।
हैदराबाद के पूर्व मेयर और AIMIM के उम्मीदवार मोहम्मद माजिद हुसैन मेहदीपटनम से जीते। वोटों की गिनती जारी है और इसके साथ ही उलटफेर की स्थिति चल रही है। बताया जा रहा है कि रूझानों में टीआरएस 65 सीटों पर आगे चल रही है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी 40 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि एआइएमआइएम 32 सीटों पर लीड कर रही है।
अधिकारियों के अनुसार, मतगणना के लिये बड़े स्तर पर इंतजाम हुए हैं। इससे पहले, चुनाव प्रचार के दौरान सभी दलों ने एड़ी चोटी का जोर लगाया था। बता दें कि हैदराबाद नगर निकाय चुनाव में कुल सीटें 150 हैं। फिलहाल इनमें से 141 सीटों पर रुझान आ चुके हैं। पिछली बार नगर निगम में TRS का कब्जा था।
हालांकि, एक दिसंबर को हुए चुनाव में 74.67 लाख पंजीकृत मतदाताओं में से केवल 34.50 लाख (46.55 प्रतिशत) मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
तेलंगाना से BJP सांसद डी अरविंद ने समाचार एजेंसी एएनआई को रुझानों के बीच बताया कि राज्य में बदलाव शुरू हो गया है। आपने लोकसभा चुनाव के नतीजे देखे। फिर Dubbaka उप चुनाव और अब GHMC। शाम तक इंतजार करते हैं, पर ये टीआरएस के लिए साफ संदेश है कि लोग परिवर्तन चाहते हैं।
तेलंगाना से BJP सांसद डी अरविंद ने समाचार एजेंसी एएनआई को रुझानों के बीच बताया कि राज्य में बदलाव शुरू हो गया है। आपने लोकसभा चुनाव के नतीजे देखे। फिर Dubbaka उप चुनाव और अब GHMC। शाम तक इंतजार करते हैं, पर ये टीआरएस के लिए साफ संदेश है कि लोग परिवर्तन चाहते हैं।
तेलंगाना से BJP सांसद डी अरविंद ने समाचार एजेंसी एएनआई को रुझानों के बीच बताया कि राज्य में बदलाव शुरू हो गया है। आपने लोकसभा चुनाव के नतीजे देखे। फिर Dubbaka उप चुनाव और अब GHMC। शाम तक इंतजार करते हैं, पर ये टीआरएस के लिए साफ संदेश है कि लोग परिवर्तन चाहते हैं।
अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई, जिसके लिये व्यापक इंतजाम किए गए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि 30 स्थानों पर मतगणना केन्द्र बनाए गए हैं। 8,152 कर्मियों को मतगणना कार्य में तैनात किया गया है।
चुनाव से जुड़े अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि मतगणना की पूरी प्रक्रिया को प्रत्येक मतगणना केन्द्र में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों में कैद किया जाएगा। चुनाव में मतपत्रों का इस्तेमाल किया गया था, लिहाजा नतीजों के बारे में शाम या रात तक तस्वीर साफ हो पाएगी।
वैसे, यह चुनाव के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली टीआरएस के साथ बीजेपी के लिए भी साख और सम्मान की लड़ाई के तौर पर माना जा रहा है। मौजूदा समय में नगर निकाय में बीजेपी के पास सिर्फ चार सीटें हैं। पर इन चुनावों में बीजेपी ने भी किसी बड़े चुनाव के तौर पर ताकत झोंकी। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक पार्टी प्रचार के लिए हैदराबाद पहुंचे। राजनीतिक एक्सपर्ट्स की मानें तो यह चुनाव आगामी 2023 के विधानसभा चुनाव के लिटमस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है।
Greater Hyderabad Municipal Corporation (GHMC) Elections के लिए वोटों की गिनती शुरू हो गई है। यह सुबह ठीक आठ बजे चालू हुई। तेलंगाना स्थित एलबी स्टेडियम इलाके में मतगणना केंद्र के बाहर का नजारा।