Vodafona-Idea: केंद्र सरकार ने वोडाफोन-आइडिया (Vodafona-Idea) को बड़ी राहत दे दी है। केंद्र ने कंपनी को उसके बकाए के भुगतान के लिए नया ऑफर पेश किया है। नए ऑफर में केंद्र सरकार ने कर्ज में डूबी इस कंपनी के ब्याज के बदले इक्विटी सौंपने का ऑफर दिया है। अब इस कंपनी में केंद्र सरकार की भी हिस्सेदारी होगी। वोडाफोन-आइडिया पर 16,133 करोड़ रुपये से अधिक का ब्याज बकाया है। कंपनी ने केंद्र के इस फैसले की जानकारी शेयर बाजार को भी दे दी है। इस फैसले के बाद कंपनी में केंद्र सरकार की करीब एक तिहाई हिस्सेदारी हो जाएगी।
सरकार को कितने मिलेंगे शेयर?
सरकार के इस फैसले के बाद इक्विटी शेयरों में परिवर्तित होने वाली कुल राशि 16,133,18,48,990 रुपये है। कंपनी को 10 रुपये अंकित मूल्य के 1613,31,84,899 इक्विटी शेयर जारी करने का निर्देश दिया गया है। इनका निर्गम मूल्य भी 10 रुपये है। कंपनी में सरकार को अब 35 प्रतिशत हिस्सेदारी मिल जाएगी।
इतने लंबे समय तक फैसला किसने रोका?
सितंबर 2021 में सरकार द्वारा दूरसंचार क्षेत्र के लिए एक राहत पैकेज की घोषणा करने के बाद से वोडाफोन-आइडिया इस कदम का इंतजार कर रहा था, जिससे सरकार को बकाया समायोजित सकल राजस्व पर ब्याज को इक्विटी में परिवर्तित करने की अनुमति मिल गई। इस योजना को लागू करने में देरी ने परेशान टेल्को को कैच-22 स्थिति में छोड़ दिया था।
फैसले से क्या बदलेगा?
केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि हमने मांग की थी कि आदित्य बिड़ला समूह कंपनी चलाएगा और आवश्यक निवेश लाएगा। इस प्रस्ताव पर बिरला मान गए हैं और इसलिए हम परिवर्तन पर राजी हो गए हैं। हम चाहते हैं कि भारत बीएसएनएल के साथ तीन खिलाड़ियों वाला बाजार बने और उपभोक्ताओं के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करे।
वोडाफोन आइडिया में किसकी कितनी हिस्सेदारी?
2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज के बोझ तले दबे Vi ने सरकार को देय 16,000 करोड़ रुपये से अधिक की ब्याज देनदारी को इक्विटी में बदलने का विकल्प चुना था। यह कंपनी में करीब 33 फीसदी हिस्सेदारी होगी। इस फैसले के बाद कंपनी में प्रमोटरों की होल्डिंग 74.99 फीसदी से घटकर 50 फीसदी हो जाएगी।