गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि धारा 370 और 35ए हटाने की बात पर लोग सालों से डराते थे। कहते थे कि कैसे कोई इसे हटा सकता है, क्या- क्या हो जाएगा। बोले कि “मोदी जी ने इसे चुटकी बजाते हुए कर दिया और जो लोग कहते थे कि खून की नदियां बह जाएगी मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि मोदी जी की सरकार में खून की नदियां तो क्या कंकड़ भी नहीं चले।” गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली विश्वविद्यालय में गुरुवार को शुरू हुए तीन दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार में बोल रहे थे। इसका विषय “स्वराज से नए भारत में भारत के विचारों का पुनरावलोकन” है।
उन्होंने कहा कि “पूर्वोत्तर के अंदर ढेर सारे हथियारी ग्रुप थे, आज सात साल के अंदर नौ हजार हथियारी ग्रुप के एक्टिविस्टों ने हथियार डालकर मुख्य धारा में शामिल हुए। आज स्थिति ऐसी है कि अफस्पा (AFSPA) हटाने के लिए आंदोलन करने पड़ते थे, भारत सरकार के लोग बचाव की मुद्रा में जवाब देते थे।”
उन्होंने कहा, “आज उसी पूर्वोत्तर क्षेत्र से शांति स्थापित होने के कारण हमने 75% क्षेत्रों से अफस्पा (AFSPA) हटा दिया है। यह उन लोगों के लिए एक जवाब है जो मानव अधिकारों के आधार पर AFSPA को हटाने की मांग करते थे। वे आतंक फैलाने वालों के मानवाधिकारों के बारे में बात करते हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि आतंकवाद के कारण मरने वालों के भी मानवाधिकार होते हैं।”
भारत के सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने दिखाया कि उनके लिए रक्षा नीति का क्या मतलब है। कहा, “पहले, आतंकवादी हम पर हमला करने के लिए भेजे जाते थे और उरी और पुलवामा के साथ ऐसा करने का प्रयास किए गए थे, लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमलों से हमने विश्व भर को दिखाया कि रक्षा नीति का हमारे लिए क्या मतलब है।”
उन्होंने कहा कि हम शांति के साथ चलना चाहते हैं। हम विश्वभर में सभी देशों के साथ अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं, हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं, लेकिन हमारी सेना और हमारी सीमा के साथ जो छेड़खानी करेगा, उसको उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा। पहली बार देश की आंतरिक सुरक्षा के अंदर, देश की वायुवीय सुरक्षा के अंदर देश के किसी नेता ने एक निर्णायक भाषा के साथ विश्व को अपना परिचय कराया कि भारत के साथ भारत की सीमाओं के अंदर कोई इस प्रकार अपमान नहीं कर सकता है।