जेएनयू में लगाए गए नए पोस्टर, होली को बताया महिला विरोधी त्योहार
इन पोस्टर्स का शीर्षक 'होली में क्या पवित्रता' है। ये पोस्टर कैंपस में स्थित स्कूलों, खाने-पीने की जगहों और मार्केट में लगाए गए हैं।

जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी कैंपस में होली के त्योहार का लेकर पोस्टर लगाए गए हैं। इनमें होली को महिला विरोधी त्योहार बताया गया है। पोस्टर में कहा गया है इतिहास है कि इस त्योहार के बहाने दलित महिलाओं का यौन शोषण किया जाता था। बता दें कि जेएनयू पहले ही संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी पर कार्यक्रम आयोजित करने के विवादों का सामना कर रहा है।
इन पोस्टर्स का शीर्षक ‘होली में क्या पवित्रता’ है। ये पोस्टर कैंपस में स्थित स्कूलों, खाने-पीने की जगहों और मार्केट में लगाए गए हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर भी ये पोस्टर शेयर किए जा रहे हैं। पोस्टर में लिखा है,’ ब्राह्मणवादी पितृसतात्मक भारत एक असुर बहुजन महिला होलिका को जलाने का जश्न क्यों मनाता है? होली में क्या पवित्रता है? इतिहास बताता है कि जश्न के नाम पर दलित महिलाओं का यौन शोषण किया जाता था। होली का त्योहार मनाना महिला विरोधी है।’
पोस्टर्स पर ‘फ्लेम्स ऑफ रेसिस्टेंस’ ग्रुप का नाम है। एक जेएनयू छात्र संघ कार्यकर्ता ने कहा कि उन्होंने ऐसे किसी ग्रुप का नाम नहीं सुना। यह कोई नया ग्रुप लगता है। हाल ही में छात्रों के एक दल ने मनस्मृति के अंश जलाए थे। उनका आरोप था कि मनुस्मृति में महिलाओं के संबंध में अपमानजनक टिप्पिणयां की गई है।