नरेंद्र मोदी का पसंदीदा शब्द नहीं है ‘मितरों’, उससे ज्यादा इन 5 शब्दों का इस्तेमाल करते हैं पीएम
मोदी ने 'मित्रों' शब्द का सर्वाधिक प्रयोग 2015 के दौरान किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी भाषण-शैली ने करोड़ों लोगों को प्रभावित किया है। अपने भाषणों में लोगों को संबोधित करते हुए वह अक्सर ‘मित्रों’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं, जो उनके मुंह से ‘मितरों’ जैसा सुनाई देता है। ‘मितरों’ शब्द नरेंद्र मोदी के भाषण से जुड़ गया है, उनके विरोधी उनका मजाक उड़ाने के लिए इस शब्द का प्रयोग करते हैं। कॉमेडियंस ने भी मोदी की नकल के लिए इस शब्द के उच्चारण में निपुणता हासिल कर ली है। सोशल मीडिया पर भी अक्सर मोदी का संदर्भ देने के लिए ‘मितरों’ का प्रयोग किया जाता है। मगर हिंदुस्तान टाइम्स ने एक एनालिसिस में पता लगाया है कि मोदी अब अपने भाषणों में ‘मित्रों’ का प्रयोग नहीं करते। दरअसल, प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर बतौर पीएम मोदी के हर भाषण की ट्रांसस्क्रिप्ट डाली जाती है, अगर मोदी द्वारा अपने भाषण में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों पर निगाह दौड़ाएं तो एक अलग ही तस्वीर उभरती है।
नरेंद्र मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री अपने ढाई साल के कार्यकाल में 440 भाषण दिए हैं, इनके आधे से भी ज्यादा भाषण हिंदी में थे। पीएमओ पर उपलब्ध भाषणों में चुनावी रैलियां और अनाधिकारिक बयान शामिल नहीं हैं। इसके अनुसार, मोदी ने ‘मित्रों’ शब्द का प्रयोग 40 भाषणों में 61 बार किया। दूसरी तरफ,मोदी ने अपने भाषणों में करीब 750 बार ‘भाइयों-बहनों’ का प्रयोग किया है। इसके अलावा मोदी के भाषण में अक्सर शामिल रहने वाले शब्दों में ‘देशवासियों’, ‘साथियों’ और ‘महानुभाव’ जैसे शब्द शामिल हैं, जिनका प्रयोग मोदी ने ‘मित्रों’ से भी ज्यादा बार किया है।
अगर समय के लिहाज से देखें तो मोदी ने ‘मित्रों’ का सर्वाधिक प्रयोग 2015 के दौरान किया। इस दौरान उन्होंने 26 भाषणों में ‘मित्रों’ कहा, मगर 2016 में सिर्फ 7 भाषणों में मोदी ने ‘मित्रों’ कहकर संबोधन दिया। हालांकि इसकी जगह मोदी ने ‘मित्रों’ का देशज वर्जन ‘दोस्तों’ का प्रयोग शुरू किया है। मोदी ने अपने 21 आधिकारिक भाषणों में ‘दोस्तों’ का प्रयोग किया है। आने वाले कुछ समय में ‘दोस्तों’, ‘मित्रों’ को भी पीछे छोड़ सकते हैं।
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