मुंबई में जिन्ना के घर को कल्चरल सेंटर में तब्दील करेगी मोदी सरकार, पाकिस्तान जता चुका है अपना दावा
मुंबई के महंगे इलाकों में गिने जाने वाले मलाबार हिल में मोहम्मद अली जिन्ना ने 1936 में यह इमारत बनवाई थी। पाकिस्तान बीते कई सालों से इस पर दावा कर रहा है। पड़ोसी मुल्क इसे वाणिज्य दूतावास बनना चाह रहा है।

सरकार ने मुम्बई के जिन्ना हाउस को इंटरनेशनल कल्चरल सेंटर बनाने का फैसला लिया है। इसे हैदराबाद हाउस की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। बीते कई सालों से इस इमारत को गिराकर कल्चरल सेंटर बनाने की मांग हो रही थी। अब केंद्र सरकार ने जिन्ना हाउस को विकसित करने की हरी झंडी दे दी है। शहर के मालाबार में स्थित जिन्ना हाउस पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी दावा कर चुका है। पाकिस्तान इसे वाणिज्य दूतावास बनाना चाहता है। मोहम्मद अली जिन्ना ने इसे 1936 में बनवाया था।
बीते एक दशक से भारतीय जनता पार्टी के विधायक मंगल प्रभात लोढा इस इमारत को गिराकर सांस्कृतिक केंद्र बनाने की मांग कर रहे थे। विधायक लोढा इस मामले को राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक ले गए। लोढा ने बताया कि, 10 साल से मैं और अन्य लोग जिन्ना हाउस को कल्चरल सेंटर में तब्दील करने की मांग कर रहे थे। जिस पर अब सरकार ने जिन्ना हाउस को इंटरनेशनल कल्चरल सेंटर में बदलने का फैसला लिया है। लोढा ने इस फैसले के लिए पीएम मोदी और विदेश मंत्रालय को धन्यवाद भी दिया।
Mangal Prabhat Lodha, BJP MLA: Govt has decided to convert the Jinnah House (Mumbai) into an International Cultural Centre. It was a long-pending demand for which I & other people have been trying for last 10 yrs. I’m thankful to Modi ji&Sushma Swaraj ji for this decision.(19.12) pic.twitter.com/p4XyBd4xv6
— ANI (@ANI) December 19, 2018
दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में हाई लेवल फॉरेन डेलीगेट्स, खास मेहमानों के साथ बातचीत और उनके सम्मान में होने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। अब मुंबई में ऐसे आयोजन जिन्ना हाउस में हुआ करेंगे।
मुंबई के महंगे इलाकों में गिने जाने वाले मलाबार हिल में मोहम्मद अली जिन्ना ने 1936 में यह इमारत बनवाई थी। उस दौर में इस इमारत को बनवाने में दो लाख रुपए खर्च हुए थे। यह इमारत 2.5 एकड़ में बनवाई गई थी। जिन्ना की बनवाई यह इमारत उस वक्त साउथ कोर्ट कहलाती थी। पाकिस्तान में मोहम्मद अली जिन्ना को कायदे आजम की उपाधि से नवाजा गया है। जिसके चलते पाकिस्तान बीते कई सालों से इस पर दावा कर रहा है। पड़ोसी मुल्क इसे वाणिज्य दूतावास बनना चाह रहा था।
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