जोशी ने एक बयान में कहा कि सीबीएफसी ने फिल्म निर्माण कंपनी यशराज फिल्म्स से बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार अगले महीने फिल्म के प्रदर्शन से पहले इसका संशोधित संस्करण जमा करने को कहा है। उन्होंने उन बदलावों के बारे में विस्तार से नहीं बताया जो निर्माताओं को करने के लिए कहे गए हैं।
जोशी ने कहा, ‘फिल्म हाल में प्रमाणन के लिए सीबीएफसी अध्ययन समिति के पास पहुंची और सीबीएफसी दिशानिर्देशों के अनुसार संपूर्ण अध्ययन प्रक्रिया से गुजरी।’ उन्होंने कहा, ‘समिति ने फिल्म निर्माताओं को निर्देश दिया है कि फिल्म के गीतों समेत उसमें सुझाए गये बदलाव करें और सिनेमाघरों में प्रदर्शन से पहले उसके संशोधित संस्करण को जमा करें।’
जोशी ने कहा कि सीबीएफसी का उद्देश्य निर्माताओं की रचनात्मकता तथा दर्शकों की भावनाओं के बीच संतुलन बनाना और समाधान निकालना है। उन्होंने कहा, ‘हमारी संस्कृति और आस्था समृद्ध तथा गूढ़ है। और जैसा कि मैंने पहले भी कहा था, निर्माताओं और दर्शकों के बीच विश्वास को सुरक्षित रखना सबसे अधिक महत्त्व है और निर्माताओं को इस दिशा में काम करते रहना चाहिए।’
फिल्म के गीत ‘बेशरम रंग’ से नाखुशी जताने वाले और इसमें बदलाव की मांग करने वाले लोगों में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन शामिल हैं। फिल्म निर्माताओं ने पिछले सप्ताह इसका एक और गीत ‘झूमे जो पठान’ भी जारी किया था। ‘पठान’ में अभिनेता जान अब्राहम भी दिखाई देंगे। यह 25 जनवरी को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी।
इससे पहले सीबीएफसी ने इस साल मधुर भंडारकर की फिल्म ‘इंडिया लाकडाउन’ में 12 कट का सुझाव दिया था। संजय लीला भंसाली की ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ को खबरों के अनुसार चार कट के बाद प्रदर्शन की मंजूरी दी गई। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के एक दृश्य में भी बदलाव कराया गया।भंसाली को 2018 में आई उनकी फिल्म ‘पद्मावत’ के रिलीज के दौरान भी सेंसर बोर्ड से उलझना पड़ा था।