Google को Oracle के साथ कॉपीराइट विवाद में मिली जीत, प्रौद्योगिकी कंपनियों ने ली राहत की सांस
न्यायालय ने इस मामले में 6-2 के साथ गूगल के पक्ष में फैसला दिया है। न्यायालय ने कोड को कॉपी करने को उचित बताया है।

सुप्रीम कोर्ट ने ऑरैकल के साथ कॉपीराइट विवाद में गूगल के पक्ष में फैसला दिया है। इससे प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों ने राहत की सांस ली है। न्यायालय ने कहा कि गूगल ने एंड्रॉयड ऑपरेटिंग प्रणाली के लिए विकास के लिए कोड को ‘नकल’ कर कुछ गलत नहीं किया है। अब इस प्रणाली का इस्तेमाल ज्यादातर स्मार्टफोन में होता है।
एंड्रॉयड के विकास के लिए गूगल ने नए कंप्यूटर कोड की लाखों लाइनें लिखी थीं। इसे 2007 में जारी किया गया था। इसके अलावा उसने ऑरैकल के जावा प्लेटफार्म पर कॉपीराइट वाले कोड की 11,500 लाइनें भी इस्तेमाल की थीं। ऑरैकल ने इसके लिए गूगल को अरबों डॉलर का भुगतान करने को कहा था।न्यायालय ने इस मामले में 6-2 के साथ गूगल के पक्ष में फैसला दिया है। न्यायालय ने कोड को कॉपी करने को उचित बताया है।
इस फैसले से कई बड़ी और छोटी प्रौद्योगिकी कंपनियों ने राहत की सांस ली है। उद्योग की दो दिग्गज कंपनियों माइक्रोसॉफ्ट और आईबीएम ने इस मामले में गूगल का पक्ष लिया था। ऑरैकल को इस मामले में फिल्म और रिकॉर्डिंग उद्योग के साथ प्रकाशकों का समर्थन मिला था। पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भी ऑरैकल का पक्ष लिया था।
सर्च प्राइवेसी केस में भी मिली थी जीत: इससे पहले गूगल को यूरोपीय संघ की एक अदालत में सर्च प्राइवेसी केस में जीत मिली थी। उसके बाद सर्च इंजन गूगल को यूरोपीय संघ के कानून राइट टू बी फॉरगॉटन को मानने की बाध्यता खत्म हो गयी थी।
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि राइट टू बी फॉरगॉटन को बढ़ाने की जरूरत नहीं है। लोगों को अधिकार मिलना चाहिए कि वो सर्च इंजन पर सर्च की गयी जानकारी वीडियो या फोटो हटा सकें ताकि वो सर्च इंजन को न मिलें। अदालत ने ये भी कहा था कि यूरोपीय संघ के कानून में सर्च इंजनों के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।