हनुमान बनाम अजान का विवाद शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है। गुरुवार (28 अप्रैल, 2022) को इस मुद्दे पर बीजेपी और मुस्लिम पॉलिटिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के बीच जमकर बहस हुई। एमसीपीआई अध्यक्ष तसलीम रहमानी ने हनुमान चालीसा को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पवित्र मंत्र को सड़क पर लाने का काम नहीं होना चाहिए। उनकी इस टिप्पणी पर बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि आपको देश के मुसलमानों से माफी मांगनी चाहिए।
एक टीवी डिबेट के दौरान गौरव भाटिया ने कहा, “तसलीम जी को पूरे देश के मुसलमानों से माफी मांगनी चाहिए। इन्होंने कहा कि अगर सड़क पर पढ़ दिया तो वो काबिल-ए-एहतराम नहीं रहता है। वहीं, हम देखते हैं कि जुमे पर सड़कों पर बड़ी संख्या में मुसलमान नमाज पढ़ते हैं तो क्या वे पवित्र और पावन नहीं हैं।”
इससे पहले, एमसीपीआई के अध्यक्ष तसलीम रहमानी ने कहा कि कोई हनुमान चालीसा जैसे मोहतरम और काबिल-ए-एहतराम मंत्र पर सियासय करके सड़क पर लाने की कोशिश करे तो फिर उसकी निंदा की जानी चाहिए। राजनीति साफ बता रही है कि उत्तर प्रदेश में अभी कोई चुनाव नहीं है और महाराष्ट्र में बीएमसी के चुनाव होने हैं इसलिए एक नाकाम नेता अपनी सियासत को खड़ा करने के लिए धर्म को अपमानित कर रहा है।
इस दौरान गौरव भाटिया ने शिवसेना और कांग्रेस पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि शिवसेना को सोनिया सेना इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनकी सरकार में एक मंत्री अब्दुल सत्तार ने भगवान हनुमान को लेकर अपशब्द कहे हैं। इनसे मैं पूछूंगा वो मंत्री कब बर्खास्त होगा। अगर नहीं हुआ तो मैं ये मान लूंगा कि बाला साहब ठाकरे जहां भी होंगे बड़ी पीड़ा में होंगे क्योंकि उनके पुत्र उद्धव ठाकरे भगवान हनुमान के खिलाफ अपशब्द कहने वाले मंत्री का महिमामंडन करके अपनी सरकार में स्थान देते हैं।
उन्होंने आगे कहा, “शिवसेना शायद भूल गई है कि बाला साहब ठाकरे का मूलमंत्र क्या था- हिंदू स्वाभीमान, हिंदू अस्मिता। इसलिए वे हिंदू सम्राट माने जाते हैं लेकिन उद्धव ठाकरे सोनिया सेना से पूछकर आगे बढ़ते हैं इसलिए कहा जाता है कि वे झुके हुए हैं सोनिया गांधी के सामने।”