एक साल के लिए सिक्योरिटी बाजार से बाहर हुए किशोर बियानी, SEBI ने लगाया बैन, नहीं कर सकेंगे शेयरों का लेन-देन
सेबी के ताजा आदेश में स्वीकृति से जुड़ी किसी डील का जिक्र नहीं है, इसका सीधा मतलब यह है कि इस आदेश का असर फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस रिटेल की डील पर नहीं पड़ने वाला है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (SEBI) ने कंपनी के शेयरों में भेदिया कारोबार के लिए किशोर बियानी और फ्यूचर रिटेल लि. (एफआरएल) के कुछ अन्य प्रवर्तकों पर प्रतिभूति बाजार में कारोबार पर एक साल की रोक लगा दी है। बियानी फ्यूचर रिटेल लि. (एफआरआर) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक हैं। बियानी के अलावा फ्यूचर कॉरपोरेट रिसोर्सेज प्राइवेट लि., अनिल बियानी और एफसीआरएल एम्पलाइज वेलफेयर ट्रस्ट पर प्रतिबंध लगाया है।
सेबी ने प्रतिबंधों के साथ ही किशोर बियानी, अनिल बियानी और फ्यूचर रिसोर्सेज पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके साथ ही उन्हें गलत तरीके से कमाए गए 17.78 करोड़ रुपये के लाभ को लौटाने को कहा गया है। इसके अलावा फ्यूचर कॉरपोरेट रिसोर्सेज और एफसीआरएल एम्पलाइज वेलफेयर ट्रस्ट को भी गलत तरीके से कमाए गए 2.75 करोड़ रुपये के लाभ को लौटाने को कहा गया है।
बता दें कि अनिल बियानी और फ्यूचर कॉरपोरेट रिसोर्सेज फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) के प्रवर्तक हैं। इसके अलावा दोनों बियानी फ्यूचर कॉरपोरेट रिसोर्सेज के बोर्ड में निदेशक हैं। एफसीआरएल एम्पलाई वेलफेयर ट्रस्ट, फ्यूचर कॉरपोरेट रिसोर्सेज द्वारा गठित न्यास है। सेबी के प्रतिबंधों की वजह से बियानी बंधु और एफसीआरएल दो साल तक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से फ्यूचर रिटेल के शेयरों की खरीद या बिक्री नहीं कर सकते।
फ्यूचर ग्रुप-RIL की डील पर नहीं पड़ेगा असर: बता दें कि बियानी ने अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को खुदरा व थोक समेत फ्यूचर समूह के कुछ अन्य व्यवसायों को बेचने का फैसला किया था। हालांकि, अमेजन की आपत्ति के बाद सेबी की तरफ से इस डील पर रोक लगाए जाने का अनुमान था। हालांकि, सेबी के ताजा आदेश में स्वीकृति से जुड़ी किसी डील का जिक्र नहीं है। इसका सीधा मतलब यह है कि इस आदेश का असर फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस रिटेल की डील पर नहीं पड़ने वाला है। हालांकि, प्रतिबंधित इकाइयां आगे एक साल के बाजार में सिक्योरिटीज की खरीद-फरोख्त नहीं कर सकतीं।