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राहुल गांधी के बयान पर भड़के उपराष्ट्रपति, बोले- अगर मैं चुप रहा तो संविधान के गलत पक्ष में रहूंगा

जगदीप धनखड़ ने कहा कि कोई भी पक्षपातपूर्ण रुख हमारे राष्ट्रवाद और लोकतांत्रिक मूल्यों से समझौता करने को सही नहीं ठहरा सकता है।

jagdeep dhankhar| vice president|
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ( सोर्स-इंडियन एक्सप्रेस/फाइल)

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar) ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर टिप्पणी की उन्होंने कहा की राहुल गांधी के संसद में माइक्रोफोन बंद करने वाली टिप्पणी पर अगर चुप रहते हैं तो वह संविधान के ‘गलत पक्ष’ में होंगे।

दिग्गज कांग्रेसी नेता और पूर्व सांसद करण सिंह की मुंडक उपनिषद पर लिखी किताब के विमोचन के मौके पर जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लंदन में की गई टिप्पणी पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा, “दुनिया हमारी ऐतिहासिक उपलब्धियों और कार्यात्मक, जीवंत लोकतंत्र की सराहना कर रही है। हममें से कुछ, जिनमें सांसद भी शामिल हैं, बिना सोचे-समझे, हमारे सुपोषित लोकतांत्रिक मूल्यों का अनुचित अपमान करने में लगे हुए हैं।”

राहुल गांधी ने सोमवार को लंदन में ब्रिटिश सांसदों से कहा कि लोकसभा में काम कर रहे माइक्रोफोन अक्सर विपक्ष के खिलाफ खामोश कर दिए जाते हैं। उन्होंने हाउस ऑफ कॉमन्स परिसर के ग्रैंड कमेटी रूम में भारतीय मूल के दिग्गज विपक्षी लेबर पार्टी के सांसद वीरेंद्र शर्मा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह टिप्पणी की।

अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “हम तथ्यात्मक रूप से अपुष्ट आख्यान के इस तरह के मनगढ़ंत आयोजन को कैसे सही ठहरा सकते हैं। जी20 का अध्यक्ष होने के नाते भारत गौरव का क्षण अनुभव कर रहा है। हमें बदनाम करने के लिए देश के कुछ लोग अति उत्साह में काम कर रहे हैं। हमारी संसद और संविधान को कलंकित करने के लिए इस तरह के गलत अभियान को नजरअंदाज करना बहुत गंभीर और असाधारण है।”

जगदीप धनखड़ ने कहा, “कोई भी राजनीतिक रणनीति या पक्षपातपूर्ण रुख हमारे राष्ट्रवाद और लोकतांत्रिक मूल्यों से समझौता करने को सही नहीं ठहरा सकता है। मैं एक महान आत्मा के सामने हूं। अगर मैं इसपर चुप रहूंगा तो मैं संविधान के गलत पक्ष पर हूंगा। यह संवैधानिक दोष और मेरी शपथ का अपमान होगा।”

जगदीप धनखड़ ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय था, लेकिन लोकतंत्र अब परिपक्व हो गया है और इसे दोहराया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, “मैं इस बयान को कैसे पवित्र कर सकता हूं कि भारतीय संसद में माइक बंद कर दिया गया है? ऐसा कहने की उनकी हिम्मत कैसे हुई? हमारे पास हमारे इतिहास का एक काला अध्याय था आपातकाल की घोषणा। किसी भी लोकतंत्र का सबसे काला दौर हो सकता है। लेकिन भारतीय लोकतांत्रिक राजनीति अब परिपक्व हो गई है। इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो सकती है।”

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First published on: 10-03-2023 at 08:52 IST
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