कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता जयवीर शेरगिल को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। कांग्रेस ने टैलेंट हंट प्रोग्राम के जरिये उन्हें तलाशा था। लेकिन अब उन्हें लगता है कि ये सियासी दल खत्म होने के कगार पर है। यहां केवल चापलूसों की कद्र है। इतिहास को खंगालें तो कांग्रेस के कई तेज तर्रार प्रवक्ता थे जो कभी बीजेपी को हमेशा कोसा करते थे वो भगवा दल के झंडे तले अब बैठे हैं। सिलसिला शुरू हुआ टॉम वड़क्कन से। पुलवामा हमले की आलोचना को मुद्दा बनाकर वो कांग्रेस छोड़ गए। बीजेपी में गए जबकि सोनिया के खासमखास होते थे।
2019 चुनाव के दौरान ही शिवसेना की मौजूदा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। वो कांग्रेस की तेजतर्रार प्रवक्ता थीं। 2020 में खुशबू सुंदर बीजेपी में शामिल हो गई थीं। कभी डीएमके में रहीं खुशबू पीएम मोदी और अमित शाह पर भी हमला करने से नहीं चूकती थीं। ताजा फेहरिस्त में जयवीर शेरगिल का नाम है जो कभी सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते थे। कांग्रेस में 2014 में आए जयवीर फायरब्रांड माने जाते थे। जयवीर भी बीजेपी पर खासे हमलावर रहते थे। हालांकि वो कांग्रेस को पहले ही अलविदा कह चुके थे। पार्टी के लिए उनका कोई ज्यादा मतलब नहीं रह गया था।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व सांसद सुनील जाखड़ भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य नियुक्त किए गए। कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता जयवीर शेरगिल को बीजेपी का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में राणा गुरमीत सोढ़ी, मनोरंजन कालिया और अमनजोत कौर रामूवालिया को विशेेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रखा है।
ध्यान रहे कि पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सितंबर में बीजेपी जॉइन की थी। कैप्टन ने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का भाजपा में विलय कर दिया था। सितंबर 2021 में मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। जबकि सुनील जाखड़ मई 2022 में भाजपा में शामिल हो गए थे। जाखड़ ने कहा था कि उनके परिवार की तीन पीढ़ियों ने पिछले 50 सालों से कांग्रेस पार्टी की सेवा की। लेकिन अब वो पार्टी को अलविदा कह रहे हैं। बीजेपी ने दोनों को तरजीह देकर संदेश देने की कोशिश की कि वो भरोसे को नहीं तोड़ती है।