फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट लेकर बेल मांगने गए रेप के आरोपी आसाराम, SC ने दे दिया FIR का ऑर्डर
सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम बापू की जमानत अर्जी सोमवार को खारिज कर दी।

सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम बापू की जमानत अर्जी सोमवार को खारिज कर दी। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी कागजात दिखाने के लिए उनपर एक नई एफआईआर दर्ज करने और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाने के लिए भी कहा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आसाराम बापू ने जमानत लेने के लिए जो मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाए थे वे फर्जी थे। आसाराम पर यह फैसला चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिया।
केरल जाने के लिए मांगी थी जमानत: आसाराम ने जमानत मांगने का कारण बताते हुए कहा था कि वह केरल जाकर आयुर्वेदिक इलाज करवाना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने AIIMS को एक मेडिकल बोर्ड बनाने का आदेश दिया था जिसका काम आसाराम की सेहत की जानकारी कोर्ट को देना था। आसाराम की जांच में लगी मेडिकल टीम ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि आसाराम की हालत और सेहत स्थिर है। राजस्थान सरकार के अनुसार आसाराम का जोधपुर के अस्पताल में उपचार हो रहा है जिसमे उनके इलाज की सारी सुविधायें हैं।
आसाराम को 2013 में जोधपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह तब से ही जेल में हैं। 9 अगस्त को हाई कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी रद्द की थी। 74 साल के आसाराम ने 7वीं बार जमानत की याचिका दी थी। उनपर 16 साल की बच्ची का शारीरिक शोषण करने का आरोप है।
शीर्ष अदालत ने नियमित जमानत की याचिका खारिज करते हुये कहा कि इस मुकदमे को अनावश्यक रूप से लंबा खींचा जा रहा है और अभियोजन के गवाहों पर भी हमले हो रहे हैं जिसमें दो गवाहों की मृत्यु हो चुकी है। पीठ ने कहा, ‘तद्नुसार, हमारा मानना है कि याचिकाकर्ता (आसाराम) द्वारा किया गया अनुरोध (नियमित जमानत) न्यायोचित नहीं है।’ चिकित्सीय आधारों पर अंतरिम जमानत का अनुरोध अस्वीकार करते हुये न्यायालय ने कहा कि उनकी चिकित्सीय स्थिति ‘इतनी गंभीर नहीं है’ जिसकी वजह से उन्हें किसी अन्य जेल या अस्पताल में स्थानांतरित किया जाये।
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