वित्त से ऊर्जा मंत्रालय में हुआ था एससी गर्ग का तबादला, समय से पहले रिटायरमेंट लेने का किया फैसला
एससी गर्ग के इस्तीफे से इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क (ECF) पर जालान पैनल की रिपोर्ट में देरी हो सकती है। 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी अतानु चक्रवर्ती, सुभाष चंद्र गर्ग की जगह लेंगे।

वित्त मंत्रालय के सचिव रहे सुभाष चंद्र गर्ग (एससी गर्ग) का तबादला हाल ही में ऊर्जा मंत्रालय में कर दिया गया है। अब खबर आयी है कि सुभाष चंद्र गर्ग ने सरकारी सेवाओं से स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेने का फैसला किया है। एससी गर्ग ने स्वैच्छिक रिटायरमेंट के लिए अप्लाई कर दिया है। सरकारी नियमों के अनुसार, गर्ग को 3 महीने तक नोटिस पीरियड के तहत या फिर सरकार के इस्तीफा स्वीकार करने तक काम करना होगा।
बता दें कि रिजर्व बैंक के रिजर्व शेयर को सरकार को ट्रांसफर कराने के फैसले में सुभाष चंद्र गर्ग की अहम भूमिका रही थी। अब 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी अतानु चक्रवर्ती, सुभाष चंद्र गर्ग की जगह लेंगे। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, एससी गर्ग के इस्तीफे से इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क (ECF) पर जालान पैनल की रिपोर्ट में देरी हो सकती है। बता दें कि रिजर्व बैंक द्वारा सरकार को अपने रिजर्व फंड में से कितना फंड ट्रांसफर किया जाए, उस पर जालान पैनल को सरकार को रिपोर्ट देनी है।
ऐसी खबरें हैं कि जालान पैनल जल्द ही नए वित्त मामलों के सचिव से मुलाकात कर सकता है। जालान पैनल में एससी गर्ग के अलावा बिमल जालान, आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन, आरबीआई सेंट्रल बोर्ड के निदेशक भारत दोषी, सुधीर माकंड और आरबीआई के डिप्टी गर्वनर एनएस विश्वनाथन शामिल हैं।
Finance Ministry Sources: Subhash Chandra Garg has applied for voluntary retirement. According to rules, he will have to serve a notice period up to 3 months or until his application for voluntary retirement is accepted. (file pic) pic.twitter.com/OlAQs20Ax0
— ANI (@ANI) July 25, 2019
उल्लेखनीय है कि एससी गर्ग के अलावा यूनियन कैबिनेट ने जिन नई नियुक्तियों को हरी झंडी दी है, उनमें हिमाचल प्रदेश कैडर के अनिल कुमार काची को डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (Dipam) विभाग का सचिव बनाया गया है। इनके अलावा 12 मंत्रालयों, विभागों और एजेंसियों में अधिकारियों की अदला-बदली की गई है। गौरतलब है कि नई नियुक्तियां केन्द्रीय बजट पेश होने के तीन हफ्ते से भी कम समय में की गई हैं।