मुंबई में 1993 में हुए सीरीयल बम ब्लास्ट के मुख्य आरोपी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम घटना के 15 माह बाद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करना चाहता था और इसी सिलसिले में उसने तत्कालीन सीबीआई के डीआईजी नीरज कुमार से तीन बार बात भी की थी। हालांकि किन्हीं कारणों से केंद्रीय जांच एजंसी ने दाऊद के इस प्रस्ताव को मानने से इंकार दिया।
सीबीआई के तत्कालीन डीआईजी नीरज कुमार ने अपनी किताब के संबंध में एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत के दौरान इस बात का खुलासा किया कि मुंबई में ब्लास्ट के लगभग 15 महीने के बाद दाऊद ने उनसे तीन मर्तबा फोन पर बात की थी।
आगे नीरज कुमार ने कहा कि ब्लास्ट के बाद दाऊद आत्मसमर्पण करना चाहता था। लेकिन उसे दुश्मनों का डर था। दाऊद को इस बात का डर था कि यदि वह भारत आया तो उसके दुश्मन गैंग उसे ख़त्म कर देंगे।
गौरतलब है कि जुलाई 2013 में दिल्ली पुलिस कमिशनर के पद से रिटायर होने वाले कुमार मुंबई बम ब्लास्ट में 12 मार्च 1993 से 2002 तक सीबीआई जांच का नेतृत्व कर रहे थे। मुंबई में एक के बाद एक सिलसिलेवार धमाकों में 257 लोगों की जान गई थी और 700 लोग घायल हुए थे।