इनकी पहचान गुरुदासपुर पंजाब निवासी गुरजीत सिंह उर्फ भावा, खुखदीप सिंह उर्फ भूरा, जम्मू कश्मीर निवासी साबीर अहमद गुरुजी, मोहम्मद अयुब पठान और रियाज राथेर के तौर पर हुई है। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने दो पिस्तौल, दो किलो हेरोइन, दो कार और एक लाख रुपए जब्त किए हैं। पूछताछ में पता चला कि कश्मीर निवासी तीन संदिग्ध हिजबुल मुजाहिद्दीन आंतकी संगठन से जुड़े हैं, जबकि पंजाब निवासी दोनों खालिस्तान आंदोलन को बढ़ाने में लगे हुए हैं।
प्रकोष्ठ के उपायुक्त प्रमोद सिंह कुशवाहा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि टीम को सूचना मिली थी आइएसआइ के इशारे पर दिल्ली में एक दक्षिणपंथी नेता की हत्या की साजिश रची जा रही है। खालिस्तान आंदोलन और कश्मीर के कुछ युवाओं को बरगला का इस वारदात को अंजाम देने के लिए दिल्ली भेजा गया है।
सोमवार को पुलिस की एक टीम ने शक के घेरे में लेते हुए सुबह करीब 6:45 बजे लक्ष्मी नगर-शकरपुर इलाके में इन पांचों को घेर कर दबोच लिया। कुशवाहा ने बताया कि नोटबंदी के बाद से आतंकी संगठन के आकाओं ने मादक पदार्थ की तस्करी से धन जुटाने में जुट गए हैं।
उपायुक्त ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि गिरफ्तार किए गए आतंकियों में से गुरजीत सिंह और सुखदीप सिंह गैंगेस्टर सुख भिखरीवाल के गिरोह के शार्प-शूटर हैं। सुख भिखरीवाल ने आइएसआइ के निर्देश मिलने के बाद इसी साल 16 अक्तूबर को इन दोनों शार्प-शूटरों ने शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संघु की हत्या कर दी थी। जांच में पता चला है कि खालिस्तान आंदोलन को आगे बढ़ने में जुटे खाड़ी देश में बैठे एक आतंकी के कहने पर वारदात को अंजाम दिया था। इसके लिए आइएसआइ ने धन मुहैया कराया था।
