नरेंद्र मोदी के लिए करो या मरो है यूपी सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव- विदेशी मीडिया
जानकारों का कहना है कि इन चुनावों में सकारात्मक नतीजे मोदी के लिए 2019 के लोकसभा चुनावों की राह आसान कर देंगे।

उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनावों पर सभी की नजरें हैं। देश की लगभग सभी बड़ी पार्टियां इन चुनावों में मैदान में हैं। विशेषकर यूपी चुनाव भाजपा और कांग्रेस के लिए करो या मरो का मामला है। दोनों पार्टियां यहां पर कई सालों से सत्ता से बाहर हैं। राष्ट्रीय दल होने के बावजूद जनसंख्या के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य में उनके बीच तीसरे व चौथे स्थान के लिए लड़ाई होती है। सपा और बसपा दोनों दलों ने यहां गहरी पैठ बना रखी है। इसी का नतीजा है कांग्रेस को सपा से हाथ मिलाना पड़ा है।
वहीं लोकसभा में यूपी से 71 सीटें हासिल करने वाली भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है। उसने जातिगत समीकरणों को ध्यान छोटे-छोटे दलों से साझेदारी की है। विदेशी मीडिया का भी मानना है कि यह चुनाव भाजपा और विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए काफी अहम होंगे।
समाचार एजेंसी एएफपी को द हिंदू अखबार की पॉलिटिकल एडिटर निस्तुला हेब्बर ने बताया, ”यह कांग्रेस के लिए सबसे अहम चुनाव है क्योंकि वह अपने दम पर जीत हासिल करना चाहती है। भाजपा ने 2014 में सबसे ज्यादा सांसद हासिल कर उत्तर प्रदेश में सफाया कर दिया था। यहां पर हार का मतलब है कि मोदी के समर्थन में कमी आ रही है।”
राजनीतिक विश्लेषक अजॉय बोस ने समाचार एजेंसी एपी को बताया, ”इन चुनावों में उत्तर प्रदेश वास्तव में सबसे बड़ा है। इसलिए नतीजा बहुत अहम हो जाता है। यह मोदी के लिए करो या मरो जैसा हो सकता है।” जिन पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं उनमें से गोवा और पंजाब में भाजपा सरकार है। पंजाब में वह शिरोमणि अकाली दल के साझेदार के रूप में सत्ता में है। वहीं उत्तराखंड और मणिपुर में कांग्रेस के पास सत्ता है। यूपी में सपा सरकार है। इन राज्यों के चुनाव परिणाम 11 मार्च को आएंगे।
जानकारों का कहना है कि इन चुनावों में सकारात्मक नतीजे मोदी के लिए 2019 के लोकसभा चुनावों की राह आसान कर देंगे। वहीं उलटे परिणाम सिरदर्द बढ़ा देंगे। राज्यों के चुनाव जीतकर मोदी राज्य सभा में ताकत बढ़ाना चाहते हैं जहां पर भाजपा कमजोर है। साथ ही इसी साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए विधानसभा चुनावों के नतीजे अहम हो गए हैं। वर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल जुलाई में समाप्त होने जा रहा है। अगर पीएम मोदी अपनी पसंद का राष्ट्रपति चाहते हैं तो उन्हें उत्तर प्रदेश और एक अन्य राज्य का चुनाव जीतने की जरूरत है।