दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को क्लब हाउस ऐप (जिसमें लोग ऑडियो के माध्यम से समूहों में बातचीत करते हैं) पर एक सत्र के दौरान मुस्लिम महिलाओं के बारे में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए (शत्रुता को बढ़ावा देना), 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से काम करना) और 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत दर्ज की गई है।
इससे पहले, दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजकर क्लबहाउस ऐप पर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने वाले लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी। प्रतिभागियों की टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए कई लोगों ने चर्चा को रिकॉर्ड किया और इसे ऑनलाइन साझा कर दिया।
एक महीने के अंदर यह दूसरा मौका है, जब इस तरह की घटना हुई। इससे पहले सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म गिटहब पर होस्ट किए गए एक ऐप में मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बिना अपमानजनक टिप्पणियों के साथ किया गया था। उसमें उन्हें ऐसा दिखाया गया जैसे उनकी “नीलामी” की जा रही हो। दिल्ली पुलिस ने मामले में असम और इंदौर से दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
डीसीडब्ल्यू ने कहा कि उन्होंने ताजा मामले पर स्वत: संज्ञान लिया क्योंकि रिकॉर्डिंग में भाग लेने वालों को मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाते हुए “अश्लील, गंदे और अपमानजनक” टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है।
आयोग ने दिल्ली पुलिस को घटना में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज करने और सख्त कार्रवाई के लिए एक नोटिस भेजा। नोटिस में कहा गया है कि “यह एक बहुत ही गंभीर मामला है और सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। दिल्ली पुलिस को कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट आयोग को सौंपने के लिए पांच दिन का समय दिया गया है।”
DCW की चेयरपर्सन, स्वाति मालीवाल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “किसी ने मुझे ट्विटर पर (हाइलाइट करते हुए) क्लबहाउस ऐप पर विस्तृत ऑडियो बातचीत को टैग किया, जिसमें मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाया गया और उनके खिलाफ घृणित यौन टिप्पणी की गई। देश में इस तरह की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, इस बात से मुझे बहुत दुख होता है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है और इसलिए मैंने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर मामले में तत्काल प्राथमिकी और गिरफ्तारी की मांग की है।