Kerala Governor Arif Mohammed Khan On Fatwas: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammed Khan) अक्सर अपने बयानों के चलते सुर्खियों में रहते हैं। रविवार (15 जनवरी, 2023) को आरिफ मोहम्मद खान ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि फतवा का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार की तरह हो रहा है। मेरे खिलाफ भी फतवा जारी हुआ था।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Kerala Governor Arif Mohammed Khan) ने आरएसएस से जुड़े साप्ताहिक पांचजन्य द्वारा दिल्ली में आयोजित एक सम्मेलन में कहा, ‘कुफ्र फतवे वास्तव में केवल राजनीतिक कारणों से दिए जाते हैं और राजनीतिक हथियारों के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं।’
‘हजरत अली के खिलाफ पहला फतवा जारी हुआ’
आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammed Khan) ने कहा कि इसे इतिहास में देखें तो पहला कुफ्र का फतवा किसी गैर मुस्लिम के लिए नहीं। इस्लाम की पहली सदी की बात है। उस व्यक्तित्व के खिलाफ आया जिसकी परवरिश पैगंबर साहब ने की थी। हजरत अली के खिलाफ पहला फतवा जारी हुआ। उसी फतवे के नतीजे में उनका कत्ल किया गया।
खान ने कहा कि फतवा कभी भी धार्मिक कारणों से नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि दो सौ बार आयत आई है कुरान में जहां कहा गया है कि ये दुनिया में जो तुम्हारे बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब मरने के बाद मेरे पास आओगे तो हम फैसला करेंगे कि सही कौन है बुरा कौन है। कुरान ये अधिकार तो पैगंबर को भी नहीं देता कि सही या बुरे का फैसला करें।
मेरे खिलाफ भी फतवा जारी हुआ था: आरिफ मोहम्मद खान
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि सन 80 में मुझे चुनाव लड़ना था। इंदिरा गांधी से कहा कि मैं देहात में पैदा हुआ हूं तो कानपुर मत भेजिए, लेकिन इंदिरा गांधी ने कहा कि आपकी हिंदी अच्छी है और हम 1952 से यह सीट नहीं जीते। उस समय हिंदी का कोई शब्द भी आ जाए तो कुफ्र का फतवा जारी हो जाता था। मेरे खिलाफ फतवा जारी हुआ कि मैं हिंदी बोलता हूं, तिलक लगवाता हूं, आरती करवाता हूं। मेरे नाम में भी उन्हें खामी नजर आई। दाराशिकोह पर कुफ्र का फतवा जारी किया गया। फतवा केवल राजनीतिक हथियार के रूप में लिया जाता रहा है।