Milad-un-Nabi पर पूर्व CM फारूख अब्दुल्ला को दरगाह हजरतबल जाने से रोका गया, नेशनल कॉन्फ्रेंस बोली- ये मूल अधिकार का उल्लंघन
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने फारूक को घर पर बंद किए जाने के फैसले की निंदा करते हुए इसे भारत सरकार डर बताया।

जम्मू-कश्मीर की प्रमुख पार्टियों में से एक नेशनल कॉन्फ्रेंस ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने पार्टी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला को मिलाद-उन-नबी के मौके पर हजरतबल दरगाह जाकर नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी और घर में ही बंद रखा। नेशनल कॉन्फ्रेंस के ट्विटर हैंडल से दावा किया गया है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने फारूक अब्दुल्ला के घर को ब्लॉक कर दिया और उन्हें हजरतबल दरगाह जाने से रोक दिया। JKNC मिलाद-उन-नबी के मौके पर प्रार्थना करने के मूल अधिकार के हनन की निंदा करती है।
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने फारूक को घर पर बंद किए जाने के फैसले की निंदा करते हुए कहा, “फारूक साहब को मिलाद-उन-नबी के मौके पर नमाज पढ़ने जाने से रोकना भारत सरकार के डर और कश्मीर के प्रति उनके सख्त शासन का परिचय देता है। यह हमारे अधिकारों का उल्लंघन है और निंदनीय है।” माना जा रहा है कि अब्दुल्ला को बड़ी संख्या में लोगों से मिलने से रोकने के लिए ही प्रशासन इस तरह के प्रतिबंध लगा रहा है।
श्रीनगर से लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला मिलाद-उन-नबी के मौके पर प्रार्थना के लिए डल झील के किनारे बने हजरतबल दरगाह जाने वाले थे। बता दें कि यह दिन पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिवस के तौर पर मनाया जाता है। बता दें कि हाल ही में अब्दुल्ला ने कहा था कि वे चीन के मदद से वो कश्मीर में एक बार फिर अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 A को लागू करा लेंगे। उन्होंने अनुच्छेद 370 दोबारा लागू कराने के लिए महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के साथ गुपकर समझौते पर भी हस्ताक्षर किए थे।
गिरफ्तारी की लटक रही तलवार: बता दें कि फारूक अब्दुल्ला पर ईडी की जांच चल रही है। उनसे क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े घोटाला मामले में पूछताछ हो चुकी है। पिछली बार जब फारूक से ED के चंडीगढ़ दफ्तर में पूछताछ हुई थी, तब जांच एजेंसी ने कई दस्तावेज मांगे थे। लेकिन उस वक्त फारूक अब्दुल्ला ने 15 दिनों का वक्त मांगा था। हालांकि, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद उन्हें नजरबंद कर दिया गया था इसी साल मार्च में उन्हें रिहा किया गया है।