दिल्ली पहुंचे किसान, सड़कों पर जाम
दक्षिणी दिल्ली स्थित आया नगर और बदरपुर बॉर्डर पर भी हरियाणा से आने वाले लोगों को जाम में फंसने को मजबूर होना पड़ा। इसी प्रकार से नोएडा से कालिंदी कुंज और गाजीपुर बॉर्डर पर पास भी लोगों को जाम से दो-चार होना पड़ा।

किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च की वजह से राजधानी के कई इलाकों में लोगों को जाम से दो-चार होना पड़ा। सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर पूरी तरह से आवाजाही बंद कर दी गई थी। इस कारण हरियाणा की ओर घंटों वाहन चालक जाम में फंसे रहे।
दिल्ली-सोनीपत रोड हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। इस कारण उन राज्यों से आने वाले वाहनों के दिशा में बदलाव किया गया था। बावजूद इसके लोग कई घंटों तक जाम में फंसे रहे। इसी प्रकार टिकरी बॉर्डर पर आवाजाही बंद होने की वजह से बहादुरगढ़ से आने वाले लोगों को पूरे दिन जाम से फंसने को मजबूर होना पड़ा।
इसी प्रकार से दक्षिणी दिल्ली स्थित आया नगर और बदरपुर बॉर्डर पर भी हरियाणा से आने वाले लोगों को जाम में फंसने को मजबूर होना पड़ा। इसी प्रकार से नोएडा से कालिंदी कुंज और गाजीपुर बॉर्डर पर पास भी लोगों को जाम से दो-चार होना पड़ा। उत्तर प्रदेश के किसानों द्वारा मार्च को समर्थन देने के बाद दिल्ली गेट पर भी दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था।
साथ ही मार्ग को बदला गया था। इस कारण गाजियाबाद की ओर से आने वाले लोग जाम में फंस गए। इन मार्गों पर आवाजाही बंद नहीं की गई थी। पर पुलिस की सतर्कता बढ़ाए जाने की वजह से जाम की स्थिति पैदा हो गई थी। ऐसा ही हाल डीएनडी पर भी देखने को मिला। हालांकि, सबसे अधिक प्रभाव पश्चिमी, दक्षिणी, बाहरी और उत्तरी बाहरी जिले में दिखने को मिला। वहां पर पुलिस जिला पुलिस के अलावा अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था। पड़ोसी राज्यों से आने वाले वाहनों की गहनता से छानबीन की जा रही थी। इस कारण वाहन चालक इन इलाकों में घंटो जाम में फंसे रहे।
किसान नहीं जा सकेंगे राजघाट और किसान घाट
किसानों की इच्छा व संकल्प के सामने झुकते हुए उन्हें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवेश की अनुमति तो मिल गई लेकिन उन्हें बुराड़ी के तय ग्राउंड से इतर निकलने पर पाबंदी जारी रहेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने किसानों के विरोध के लिए बुराड़ी का निरंकारी मैदान घोषित किया है लेकिन उन्हें राजघाट या किसान घाट तक जाने की अनुमति नहीं होगी। किसान नेता राजघाट पर अपनी बात रखना चाह रहे थे जिसे नामंजूर कर दिया गया है। दिल्ली चलो के लिए बना संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर दिल्ली में किसानों को आने देने की अनुमति देने और यहां आराम से रोकने की व्यवस्था करने की अपील की थी।
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