दिल्ली हिंसा: दिल्ली पुलिस को 1700 VIDEO और CCTV फुटेज मिले
दिल्ली में 26 जनवरी को किसान यूनियनों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग को रेखांकित करने के लिए ट्रैक्टर परेड निकाली थी जिस दौरान दिल्ली में हिंसा हुई थी।

दिल्ली पुलिस को गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा से संबंधित अब तक 1,700 वीडियो क्लिप और सीसीटीवी फुटेज जनता से प्राप्त हुई हैं तथा इस सामग्री का विश्लेषण करने और दोषियों की पहचान करने के लिए फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) बी. के. सिंह ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लालकिले और आईटीओ पर हुई हिंसा से जुड़े नौ मामलों की जांच कर रही अपराधा शाखा मोबाइल फोन कॉल के ‘डंप डेटा’ और ट्रैक्टरों की पंजीकरण संख्या की भी जांच कर रही है।
सिंह ने कहा कि नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी की एक टीम को हिंसा से संबंधित वीडियो क्लिप और सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करने के लिए बुलाया गया है। हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे । उस दिन एक प्रदर्शनकारी की मौत भी हो गई थी। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को प्रमुख समाचार पत्रों में एक अपील जारी की थी जिसमें लोगों से हिंसा के बारे में कोई सबूत या जानकारी साझा करने के लिए कहा गया था। सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमारी अपील के बाद, दिल्ली पुलिस को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा से संबंधित 1,700 वीडियो क्लिप और सीसीटीवी फुटेज जनता से मिली हैं। वीडियो के माध्यम से, हम हिंसा में लिप्त रहे व्यक्तियों की पहचान करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि जांचकर्ता ड्रोन-लगे कैमरों से लिए गए फुटेज और तस्वीरों का भी विश्लेषण कर रहे हैं और लालकिला क्षेत्र की में की गई तोड़फोड़ की 3डी मैपिंग कर रहे हैं। शनिवार को फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम ने नमूने लेने के लिए लालकिले का दौरा किया। दिल्ली में 26 जनवरी को किसान यूनियनों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग को रेखांकित करने के लिए ट्रैक्टर परेड निकाली थी जिस दौरान दिल्ली में हिंसा हुई थी। कई प्रदर्शनकारी, ट्रैक्टर चलाते हुए लालकिले पहुंच गए थे जबकि उनमें से कुछ ने अपने धार्मिक झंडे उसके गुंबदों और प्राचीर पर लगा दिया था, जहां स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।
दिल्ली पुलिस ने अपनी अपील में कहा था, ‘‘मीडियाकर्मियों सहित जनता के उन सभी सदस्यों, जो घटनाओं के गवाह हैं या उन्हें उसके बारे में कोई जानकारी है, अपने मोबाइल फोन या कैमरे पर कोई गतिविधि कैद की है, इसके जरिये अनुरोध किया जाता है कि वे आगे आयें और वे अपने बयान / फुटेज / तस्वीर कमरा नंबर 215, दूसरी मंजिल, पुराने दिल्ली पुलिस मुख्यालय में किसी भी कार्य दिवस पर कार्यालय समय के दौरान अथवा 8750871237 या 011-23490094 पर संपर्क करके या ई-मेल के जरिये भेज सकते हैं।
Highlights
केंद्र सरकार द्वारा आज ऑनलाइन बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी की ओर से लोक सभा मैंबर और पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष भगवंत मान ने काले कानूनों के विरुद्ध आंदोलन कर रहे किसानों का मसला जोर शोर से उठाया। 26 जनवरी को लाल किले पर घटी घटना के संदर्भ में बात करते भगवंत मान ने कहा कि उस दिन जो हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मान ने कहा कि आंदोलन कर रहे सभी किसानों को इस घटना के साथ जोडक़र न देखा जाए।. उन्होंने कहा कि किसानों पर दर्ज किए जा रहे मामलों से आंदोलन और तेज होगा।
शरद पवार कृषि मंत्री के पद पर रहे हैंं! वह पहले इन कानूनों के पक्ष में थे इसे लागू करने की उन्होंने पूरी कोशिश भी कि। वह इन कानून के फायदे समझते हैं मुझे हैरानी हुई जब वह इसके विरोध में खड़े हो गये. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शरद पवार को अनुभवी नेता बनाते हुए यह बात कही!
पंजाब के पटियाला जिले में फिल्म अभिनेत्री जाह्नवी कपूर की आगामी फिल्म "गुड लक जेरी" की शूटिंग शनिवार को किसानों के एक समूह ने कुछ देर के लिए बाधित कर दी। किसानों ने अभिनेत्री से तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ उनके विरोध के समर्थन में बयान देने की मांग की है। यह दूसरी बार है जब पटियाला में फिल्म की शूटिंग रोकी गई। इससे पहले, इसे फतेहगढ़ साहिब जिले में बाधित किया गया था। शूटिंग शनिवार को पटियाला में पंजाब बाग इलाके के पास हो रही थी। प्रदर्शनकारी किसानों ने जोर देकर कहा कि अभिनेत्री जाह्नवी कपूर को उन किसानों के समर्थन में बयान देना चाहिए जो नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘हमने उन्हें पहले ही बता दिया था कि वे फिल्म की शूटिंग यहां नहीं होने देंगे। लेकिन उन्होंने फिर भी शूटिंग की। हमने इसे आज फिर से रोक दिया।" उन्होंने कहा, “हमें किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। यदि वह (अभिनेत्री) केवल एक बार किसानों के समर्थन में एक बयान दे देती हैं, तो हम शूटिंग करने देंगे।”
किसानों के मुद्दों को लेकर पहले भूख हड़ताल की घोषणा करने और फिर कुछ ही घंटों में इससे पीछे हटने पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की आलोचना करते हुए शिवसेना ने शनिवार को कहा कि यह तो अपेक्षित था। हजारे ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में बेमियादी हड़ताल की घोषणा शुक्रवार को की थी, लेकिन बाद में उन्होंने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के साथ बातचीत के बाद फैसला बदल लिया। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय के अनुसार, ‘‘यह घटनाक्रम मजेदार रहा, लेकिन अपेक्षित था।’’
धान की सरकारी खरीद चालू खरीफ विपणन सत्र में अभी तक 19 प्रतिशत बढ़कर 596.98 लाख टन हो गई है, जिसकी लागत 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। एक सरकारी बयान में कहा गया, "मौजूदा खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2020-21 में, सरकार एमएसपी योजनाओं के अनुसार किसानों से खरीफ 2020-21 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद जारी रखे हुए है।" खरीफ विपणन सत्र अक्टूबर महीने से शुरू होता है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य एजेंसियों ने 29 जनवरी, 2021 तक 596.98 लाख टन धान की खरीद की है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 501.97 लाख टन की हुई खरीद से 18.92 प्रतिशत अधिक है।
कांग्रेस ने अपने सांसद शशि थरूर और कुछ पत्रकारों के खिलाफ नोएडा पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने की आलोचना करते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र एवं राज्यों की भाजपा सरकार विरोध की हर आवाज को दबाने में लगी हुई हैं। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि थरूर और पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मामले रद्द किए जाने चाहिए। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में गलत खबर फैलाने के आरोप में नोएडा पुलिस ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर व छह पत्रकारों समेत आठ लोगों के खिलाफ राजद्रोह तथा अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया है।
केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों पर चिंता प्रकट करते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगे और मंडी प्रणाली को कमजोर कर देंगे। पवार ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक में डिजिटिल माध्यम से शामिल हुए। बैठक में संसद के बजट सत्र के लिए प्रस्तावित एजेंडा से जुड़े विषयों, किसान आंदोलन, महिला आरक्षण विधेयक और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
नए कृषि कानूनों और दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के संबंध में किसान नेताओं के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियां रद्द करने की मांग को लेकर किसानों ने शनिवार को बुंदेलखंड के सभी सात जिलों में शनिवार को उपवास रखकर प्रदर्शन किया। बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने बताया कि संगठन से जुड़े किसानों ने शनिवार को गांधी जी की पुण्य तिथि पर बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी और ललितपुर में एक दिन का उपवास रखकर प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा। इस दौरान शर्मा ने कहा कि दिल्ली की हिंसा और लाल किला परिसर में हुई घटना में सरकार समर्थित असामाजिक तत्व शामिल हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।
दिल्ली स्थित लाल किले पर गणतंत्र दिवस को हुए घटनाक्रम के विरोध में सर्वसमाज के बैनर तले जींद शहर में शनिवार को तिरंगा यात्रा निकाली गई। तिरंगा यात्रा में जींद से भाजपा विधायक डॉ. कृष्ण मिड्ढा सहित कई पार्टी पदाधिकारी शामिल हुए। तिरंगा यात्रा नेहरू पार्क से शुरू होकर रानी तालाब, पालिका बाजार, मेन बाजार, तांगा चौंक, पंजाबी बाजार होते हुए झांझ गेट पर संपन्न हुई। इस दौरान यात्रा में शामिल लोग भारत माता की जय और तिरंगे का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान आदि नारे लगा रहे थे।
तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक में सरकार से तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र में सुगम कामकाज के लिए बैठक बुलाई थी। सूत्रों के अनुसार, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री को किसानों के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। एक सूत्र ने बताया कि बैठक में बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘इससे एक अच्छा संदेश जाएगा कि सरकार लोकतांत्रिक है। विपक्ष के 20 दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया जिससे सरकार को कड़ा संदेश गया है कि वह कृषि कानूनों को वापस ले। बहुमत की शक्ति से किसानों को परेशान नहीं होने दिया जा सकता।’’
दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर 'स्थानीय निवासियों' और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच हिंसक झड़प के एक दिन बाद शनिवार को प्रदर्शन स्थल पर कई स्तरीय अवरोधक लगाकर इसे किले में तब्दील कर दिया गया। जीटी करनाल रोड स्थित प्रदर्शन स्थल पर बीते दिनों के मुकाबले प्रदर्शनकारियों की संख्या कम है। हालांकि प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि पंजाब तथा हरियाणा से और लोग उनके आंदोलन में शामिल होने आ रहे हैं। पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कर्मी प्रदर्शन स्थल पर प्रवेश पर करीबी नजर रखे हुए हैं। मीडिया कर्मियों को भी वहां पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने शनिवार को उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार का आगामी बजट खेतीबाड़ी पर केंद्रित रहेगा और समाज के सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी होगा। पूनियां ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वैश्विक महामारी में भी मोदी सरकार के कुशल नेतृत्व में खेती में विकास दर अच्छी रही और मुझे पूरी उम्मीद है कि बजट में भी मोदी सरकार का विशेष ध्यान खेती पर रहेगा, जिससे खेती और उससे जुड़े हुए उद्योगों को सम्बल मिलेगा एव इस बार का बजट और अधिक लोककल्याणकारी होगा। पूनियां के अनुसार अनुमान बताते हैं कि आने वाले समय में 2021-2022 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर भी ज्यादा होगी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि देश में किसानों के इतने दिन तक आंदोलन पर बैठे रहना देशहित में नहीं हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद किसानों से बात करनी चाहिए। गहलोत ने इस आंदोलन के बारे में पूछे जाने पर यहां संवाददाताओं से कहा,‘‘ मैं समझता हूं कि अब भी मौका है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं किसानों को बुलाकर बातचीत करें, रास्ता कोई निकल सकता है। लंबे समय तक इस प्रकार का आन्दोलन उचित नहीं कहा जा सकता और देश के हित में भी नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि जिनको अन्नदाता कहते हैं उनकी अपनी आशंकाएं हैं, वे चिंतित हैं खुद के लिए, अपने परिवार के लिए, आने वाली पीढ़ियों के लिए, तो स्वाभाविक है कि इस प्रकार का माहौल बनता है। इस आंदोलन का जल्द समाधान निकालने की बात करते हुए गहलोत ने कहा,‘‘ मैं उम्मीद करता हूं प्रधानमंत्री खुद गौर करेंगे। कृषि मंत्री के साथ वार्ताओं का लंबा दौर चल चुका है और मैं समझता हूं कि यह कोई ‘प्रतिष्ठा का सवाल’ नहीं होना चाहिए।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को उनकी सरकार की ओर से दिया गया प्रस्ताव अब भी बरकरार है तथा बातचीत में सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी है। संसद सत्र से पहले पारंपरिक सर्वदलीय बैठक में मोदी ने गणतंत्र दिवस के दिन हुई ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ का विपक्षी नेताओं की ओर से किए गए उल्लेख का जवाब देते हुए कहा कि ‘कानून अपना काम करेगा।’ यह डिजिटल बैठक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई और इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा विभिन्न दलों के सदनों के नेता शामिल हुए। इस बैठक के ब्यौरे की जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने विश्वास दिलाया कि केंद्र सरकार किसानों के मुद्दे पर खुले मन से आगे गढ़ रही है।’’
आम आदमी पार्टी ने शनिवार को आरोप लगाया कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की साजिश भाजपा ने दिल्ली पुलिस की मदद से रची थी ताकि किसानों के आंदोलन को बदनाम किया जा सके। आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन में भाजपा नेताओं को ‘सबसे बड़ा राष्ट्र-विरोधी’ करार देते हुए मांग की कि उनके खिलाफ देशद्रोह के मामले दर्ज किये जाने चाहिए और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से इनकी जांच कराई जानी चाहिए। भाजपा की ओर से इन आरोपों पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। आप नेता भारद्वाज ने दावा किया, ‘‘पुलिस और भाजपा ने मिलकर 26 जनवरी और उसके बाद हिंसा की पटकथा लिखी थी। भाजपा ने किसानों के आंदोलन को बदनाम करने के लिए दिल्ली पुलिस की मदद से पटकथा तैयार की थी।’’ उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को ‘भाजपा एजेंट’ दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस ने किसानों से बहुत पहले दिल्ली में प्रवेश के लिए मार्च शुरू करने की अनुमति दे दी।
दिल्लीः गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिसकर्मियों पर हुए हमले के विरोध में दिल्ली पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों ने शहीदी पार्क में विरोध प्रदर्शन किया।
कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनकारियों का समर्थन कर रहे विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार को यहां आयोजित किसान मेले में कहा कि 2004 से 2014 तक 2,66,000 किसानों ने आत्महत्या की थी, यदि उनकी कृषि नीतियां सही थीं तो क्यों किसानों ने आत्महत्या की थी। यहां नौ दिवसीय विराट किसान मेले का उद्घाटन करने के बाद कृषि मंत्री ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, “उन किसानों की आत्महत्या का पाप इन लोगों के कंधों पर चढ़ा है। देश में एक परिवार ने 40 साल तक शासन किया और इन 40 सालों में देश में गरीबी नहीं मिट पाई।”
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने शनिवार को कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर दो फरवरी तक रिकॉर्ड संख्या में लोगों के एकत्र होने की उन्हें उम्मीद है। केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ इन स्थानों पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और वहां विभिन्न राज्यों से काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष राजेवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम दिल्ली की सीमाओं पर 26 जनवरी से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे है।’’ उन्होंने दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उसकी निंदा की।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में 31 जनवरी को होने वाली भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की महा पंचायत सी-टैट परीक्षा के कारण अब एक फरवरी को होगी। भाकियू युवा के प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सिंह ने शनिवार को बताया कि 31 जनवरी को प्रदर्शन स्थल पर पूर्व में बुलाई गई किसानो की महापंचायत रविवार को केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा(सी-टैट) होने के कारण अब एक फरवरी को आईटीआई मैदान पर होगी। उन्होने बताया कि पंचायत संपन्न होने के बाद किसान दिल्ली-गाजियाबाद के बीच स्थित गाजीपुर बॉर्डर के लिए कूच करेंगे।
फॉरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम गणतंत्र दिवस पर किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान भड़की हिंसा के सिलसिले में साक्ष्य एकत्र करने के लिए शनिवार को लालकिला पहुंची। गौरतलब है कि 26 जनवरी को किसान संगठनों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी निर्धारित मार्ग से अलग हो गए थे और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई थी। अनेक प्रदर्शनकारी लालकिले में प्रवेश कर गए थे। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है और दोषियों की पहचान करने के लिए कई टीमें गठित की गई हैं। पुलिस ने लालकिला परिसर में तोड़फोड़ किए जाने की घटना को ‘‘राष्ट्र विरोधी गतिविधि’’ बताया है।
पंजाब के मनसा में किसान संगठनों की ओर से मनाए जा रहे सद्भावना के समर्थन में वकीलों ने भूख हड़ताल की है। यहां बड़ी संख्या में वकील फर्श पर बैठकर पूरे दिन भूख हड़ताल में हिस्सा लेंगे। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने एक दिन पहले ही ऐलान किया था कि सभी मोर्चों पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक किसान नेता भूख हड़ताल करेंगे। किसान नेताओं ने सभी समर्थकों से भूख हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया था।
कनाडा के सांसद जगमीत सिंह ने ट्विटर पर वीडियो शेयर कर दिल्ली में हुई हिंसा की निंदा की है। उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा है। जगमीत ने कहा कि जिन्होंने भी किसानों को नुकसान पहुंचाया है, उन्हें पकड़ा जाना चाहिए और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार की रक्षा होनी चाहिए। मैं ट्रूडो से तुरंत घटना की निंदा के लिए कहता हूं।
30 जनवरी को हम सद्भावना दिवस मनाने जा रहे हैं। हमारे सभी मोर्चों पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक किसान नेता भूख हड़ताल करेंगे। यह देश के लोगों का आंदोलन है। हम सभी को भूख हड़ताल में शामिल होने का आह्वान करते हैं: किसान नेता अमरजीत सिंह
बजट सत्र से पहले केंद्र सरकार की तरफ से बुलाई गई ऑल पार्टी मीटिंग में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, शिवसेना सांसद विनायक राउत और अकाली दल के नेता बलविंदर सिंह भुंडेर ने किसान आंदोलन का मुद्दा उठाया और सरकार से विवाद सुलझाने की अपील की। दूसरी तरफ बिहार में भाजपा की गठबंधन की साथी जदयू की तरफ से सांसद आरसीपी सिंह बैठक में पहुंचे और उन्होंने कानून का समर्थन किया।
बिहार में राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने कृषि कानूनों के विरोध में पटना में मानव शृंखला बनाकर प्रदर्शन किया। साथ ही दिल्ली में आंदोलन में शामिल किसानों का समर्थन किया। राजद सांसद मनोज किमार ने कहा कि वे तब तक इसी तरह के प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं हो जाते।
कृषि कानून पर केंद्र सरकार और किसान संगठनों का टकराव अब भाजपा शासित राज्यों के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। हरियाणा पर इसका सबसे ज्यादा असर देखा जा सकता है। यहां भाजपा जाट नेताओं की पार्टी जजपा के साथ ही गठबंधन में है। अब तक किसान आंदोलनों पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बीच कोई तनातनी देखने को नहीं मिली है। हालांकि, अब जजपा पर प्रदर्शनों चलते दबाव बढ़ता जा रहा है। पढ़ें पूरी खबर...
लाल किले पर गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा पर दिल्ली पुलिस ने भी विरोध प्रदर्शन किया है। बड़ी संख्या में पुलिस के जवान और उनके परिजन शहीदी पार्क में धरने पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि पुलिस पर हमला करने वालों पर कार्रवाई की जाए और घायल पुलिस वालों से माफी मांगी जाए।
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) का दावा है कि हरियाणा के जींद, हिसार, भिवानी और रोहतक से किसान दल बनाकर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पहुंच रहे हैं। हरियाणा की कई खाप पंचायतों ने एक दिन पहले प्रदर्शनकारी किसानों के पक्ष में बैठक की और उनके समर्थन की बात कही थी। बताया गया है कि पंजाब के भी किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं।
दिल्ली पुलिस ने जानकारी दी है कि गाजियाबाद और गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली जाने वाले एनएच-24 के दोनों बॉर्डर बंद कर दिए गए हैं। बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर टिकैत के आह्वान के बाद से ही भारी संख्या में लोग जुट रहे हैं। ऐसे में कई जगहों पर जाम की स्थिति भी पैदा हो रही है।
आंदोलन को मजबूत करने के लिए पंजाब के किसान अब दूसरे राज्यों के किसानों को भी साथ लाएंगे। इसके लिए पटियाला से 700, मोगा से 450, गुरदासपुर से 50 और होशियारपुर के टांडा से 70 किसान शुक्रवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए। 41 किसान संगठनों की 72 टीमें हर घर से एक सदस्य को भेजेंगी। ये टीमें दूसरे राज्यों के किसानों को प्रदर्शन में लाएंगी।
दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर किसानों का शांतिपूर्ण आंदोलन जारी है। एक दिन पहले ही सिंघु और उससे पहले गाजीपुर बॉर्डर पर हिंसा के बाद भारी पुलिसबल तैनात किया गया था। हालांकि, टिकरी पर अभी भिड़ंत के हालात नहीं हुए हैं। पुलिस भी पूरी सतर्कता से स्थितियों पर नजर रख रही है।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत के आह्वान के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का जुटना जारी है। इस बीच पुलिस के करीब तीन हजार जवान भी प्रदर्शनस्थल पर तैनात कर दिए गए हैं।
कृषि कानून को विरोध के बीच प्रदर्शनों से अब तक पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित करीब 52 टोल प्लाजा प्रभावित हुए हैं। इन्हें काफी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है। कई टोल पर तो अक्टूबर 2020 से ही कुछ खास कमाई नहीं हुई है। अब पश्चिमी यूपी में स्थित टोल प्लाजा भी इस आंदोलन की जद में आ गए हैं।
कृषि कानून को विरोध के बीच प्रदर्शनों से अब तक पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित करीब 52 टोल प्लाजा प्रभावित हुए हैं। इन्हें काफी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है। कई टोल पर तो अक्टूबर 2020 से ही कुछ खास कमाई नहीं हुई है। अब पश्चिमी यूपी में स्थित टोल प्लाजा भी इस आंदोलन की जद में आ गए हैं।
कृषि कानून को विरोध के बीच प्रदर्शनों से अब तक पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित करीब 52 टोल प्लाजा प्रभावित हुए हैं। इन्हें काफी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है। कई टोल पर तो अक्टूबर 2020 से ही कुछ खास कमाई नहीं हुई है। अब पश्चिमी यूपी में स्थित टोल प्लाजा भी इस आंदोलन की जद में आ गए हैं।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को अब राजनीतिक दल खुलकर समर्थन देने लगे हैं। इंडियन नेशनल लोकदल के महासचिव अभय चौटाला आज टिकैत से मिलेंगे। इससे पहले शुक्रवार को राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के नेता जयंत चौधरी और दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया गाजीपुर पहुंचे थे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी टिकैत से कहा कि उनकी पार्टी किसानों के साथ है।
UP और हरियाणा से किसानों के गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने का सिलसिला जारी है। यूपी के मुजफ्फरपुर में एक दिन पहले हुई महापंचायत के बाद किसानों ने छोटे-छोटे दलों में दिल्ली कूच करने की योजना बनाई है। बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार शाम 4 बजे तक भारी पुलिस बल की तैनाती के बाद माहौल ऐसा बन गया था कि किसानों को घर भेज दिया जाएगा। लेकिन, आधी रात को पुलिस को लौटना पड़ा। क्योंकि, किसानों ने आंदोलन तेज करने की तैयारी शुरू कर दी थी।
कांग्रेस के नेता हनुमंत राव ने कहा है कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर रखी गई ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा प्रदर्शनों को खत्म करने की साजिश थी। उन्होंने कहा कि किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कठिन परिस्थितियों में प्रदर्शन कर रहे हैं और सभी एक साथ हैं। बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
किसान आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को स्थानीय लोगों और किसानों के बीच पत्थरबाजी के दौरान अलीपुर SHO पर तलवार से हमला हुआ था। अब इस मामले में पुलिस ने 44 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें अलीपुर SHO को तलवार मारने का आरोपी भी शामिल है। पुलिस ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ते देख लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इस झड़प में 5 पुलिसवाले घायल हो गए।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को जीआईसी ग्राउंड पर बड़ी संख्या में टिकैत बंधुओं के समर्थन में लोग जुटे। भारतीय किसान यूनियन की तरफ से रखी गई इस महापंचायत में नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों का प्रदर्शन अभी जारी रहेगा। बता दें कि महापंचायत के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसबल मौजूद रहा। इसके बावजूद छात्रों और युवाओं का इसमें जमावड़ा रहा।
किसान आंदोलन दोबारा शुरू करने के लिए रविवार को पलवल में होगी चार जिलों के किसानों की महापंचायत, शामिल होंगे पलवल, फरीदाबाद, नूंह और गुडगांव के किसान।पलवल में धरना समाप्त कराने के तरीके से नाराज हैं किसान।
सिंघु बॉर्डर पर किसानों और स्थानीय लोगों के एक बड़े समूह के बीच शुक्रवार को झड़प हो गई, जिसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ मुख्य प्रदर्शन स्थलों में शामिल सिंघु बॉर्डर पर हुई झड़प के दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर पथराव भी किया।
30 जनवरी को हम सद्भावना दिवस मनाने जा रहे हैं। हमारे सभी मोर्चों पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक किसान नेता भूख हड़ताल करेंगे। यह देश के लोगों का आंदोलन है। हम सभी को भूख हड़ताल में शामिल होने का आह्वान करते हैं: किसान नेता अमरजीत सिंह
किसान नेता नरेश टिकैत का कहना है कि सरकार अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए लाल किले का षड्यंत्र रच रही है। लाल किले पर हमारा क्या उद्देश्य। क्या हम लाल किले पर इतना घिनौना काम कर सकते हैं। कोई किसान भूल-चूक में ट्रैक्टर लेकर लाल किले पर चला गया होगा लेकिन वह वापस आ गया था।
26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में किसान परेड के दौरान हुई हिंसा की घटना के बाद अब सिंघु बॉर्डर पर स्थानीय लोग ही किसान आंदोलन के खिलाफ खड़े हो गए हैं। यहां स्थानीय लोगों ने तिरंगा लेकर बड़ी संख्या में सिंघु पर प्रदर्शन किया।
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के मौजूदा प्रदर्शन को लेकर राहुल गांधी ने कड़ी टिप्पणी की। कहा कि दूसरे कानून से व्यवसायी मनमर्जी अनाज इकट्ठा कर पाएंगे। उन्होंने दिल्ली हिंसा पर सवाल उठाते हुए कहा कि लाल किले के अंदर किसने आंदोलनकारियों को जाने दिया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री यह बताएं कि किसने अंदर जाने का आदेश दिया।
दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दौरान ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा को लेकर फारेंसिक एक्सपर्ट की एक टीम क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पहुंची। इस टीम ने यहां कई अहम सबूत जुटाए।