‘अभी तक तो पीएम जय जवान जय किसान बोल रहे थे अब क्या जय धनवान बोलें?’, एंकर अंजना ओम कश्यप ने BJP नेता से पूछा सवाल
बहरहाल आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा में सरकार द्वारा बुधवार को रखे गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया।

तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। ‘आज तक’ पर इस मुद्दे पर डिबेट के दौरान एंकर अंजना ओम कश्यप ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुधांशु त्रिवेदी से कहा कि ‘किसान प्राइवेट टैक्सी, प्राइवेट बस में आए इसलिए आप यह कह रहे हैं कि किसान एमएसपी पर बात करना छोड़ दें। प्राइवेट कंपनियों को फ्री हैंड मिल जाए। अभी तक प्रधानमंत्री जय जवान जय किसान कह रहे थे, हालांकि यह नारा तो पहले का ही दिया हुआ है…तो अब क्या जय धनवान बोलें देश में? ये कैसी बात हो गई।’
इसपर भाजपा नेता ने कहा कि ‘मैंने तो कहा कि क्यों प्राइवेट ट्रैक्टर खरीदा कम दाम बेहतर क्वालिटी मिली तब ही तो खऱीदा है। वरना याद करीए पहले तो घड़ी भी सरकार बनाती थी एचएमटी, टीवी भी सरकार बनाती थी, स्कूटर भी सरकार बनाती थी, तो फिर क्यों खरीदा लोगों ने? जो 70-80 का दौर था उससे हर सेक्टर को मुक्ति मिल गई, और किसान बेचारा उसमें बंध कर रह गया।’
सुधांशु त्रिवेदी ने एंकर से पूछा की मीडिया में प्राइवेटाइजेशन से लाभ हुआ या नहीं? इसपर एंकर ने जवाब दिया कि ‘यहां पर मुद्दा अलग है? इसको एक में मत मिलाइए…किसान एमएसपी मांग रहा है आप इसको मीडिया और प्राइवेटाइजेशन से मत जोड़िए…कहां हैं सुधांशु जी आप…किसानों को तो समझा नहीं पा रहे आपको लगता है कि मीडिया में प्राइवेटाइजेशन को दिखा कर आप किसानों को समझा लेंगे।’
.@SudhanshuTrived ने Privatization पर दी ये दलील तो @anjanaomkashyap ने पूछे ये सवाल #MoodOfTheNation #SpecialReport pic.twitter.com/Pl4qz11PQ5
— AajTak (@aajtak) January 21, 2021
बहरहाल आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा में सरकार द्वारा बुधवार को रखे गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की मांग करते हुए किसानों ने आंदोलन जारी रखने की बात दोहराई।
संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन के 58वें दिन गुरुवार को एक प्रेस नोट जारी कर अपने फैसले से सरकार को आगाह किया। आंदोलन में अब तक शहीद हुए 147 किसानों को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि इनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।