किसान आंदोलन: केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर किसान नेता का जवाब- पीएम के पेट में कुछ और जुबान से कहते हैं कुछ और..
किसान नेता मेजर सिंह ने डिबेट में कहा कि जब से बातचीत शुरू हुई है इसी तरह का प्रस्ताव रहा है। प्रस्ताव में कोई नई बात नहीं है।

किसान नेता मेजर सिंह ने डिबेट में कहा कि जब से बातचीत शुरू हुई है इसी तरह का प्रस्ताव रहा है। प्रस्ताव में कोई नई बात नहीं है। प्रधानमंत्री जी जो हैं उनके पेट में कुछ और बात है। बाहर में कुछ और कहते हैं। उसका मतलब कोई और निकलता है। जो बात पेट में है ,वो जबान में नहीं है। जबान से जो निकलती है उसका मतलब नहीं है। पीएम जो कहते हैं जारी रहेगी। वो हम भी कहते हैं जारी रहेगी। लेकिन बताते नहीं हैं कि अंबानी और अडानी के लिए जारी रहेगी। धान अभी भी पड़ा है उसकी सरकारी खरीद नहीं हो रही है। ये अडानी अंबानी को एमएसपी देंगे और उनसे खरीदेंगे। सरकार एक बात करे। फिर ही किसान सरकार का यकीन कर सकते हैं।
इसका जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा कि देश में कई किसान हैं जो कानून का समर्थन करते है। क्या उन्हीं की चलेगी जो कि आंदोलन करेंगे। जो आंदोलन न करे उनकी राय का कोई महत्व नहीं है। किसानों का हक नहीं छीनने वाले हैं। न किसी और को देने वाले हैं। ये सरकार किसानों से सहानुभूति रखती है। लेकिन अगर किसानों ने यह तय कर रखा है कि सिर्फ आंदोलन करेंगे तो वो बात अलग है।
बता दें कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने तय किया है कि वे कृषि कानूनों को पूरी तरह से निरस्त किए जाने का इंतजार करेंगे। उन्होंने मोदी सरकार के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है कि कानूनों को एक से डेढ़ साल के लिए स्थगित कर दिया जाएगा। बता दें कि सरकार ने किसानों के साथ 10वें दौर की मीटिंग के बाद ये प्रस्ताव रखा था।
आज दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों के आंदोलन को 58 दिन पूरे हो गए। सिंघू बॉर्डर पर किसानों ने आपस में मीटिंग कर तय किया कि वे कानूनों की वापसी से कम कुछ नहीं चाहते हैं। और एमएसपी की लीगल गारंटी चाहते हैं। बता दें कि नवंबर से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड प्रस्तावित है।