किसान आंदोलन ने बढ़ाई योगी सरकार की मुश्किल! अब बुलंदशहर महापंचायत में पहुंचे हजारों की तादाद में लोग
उत्तर प्रदेश की 120 सीटों पर जाट मतदाताओं का प्रभाव रहा है। चौधरी चरण सिंह और महेंद्र सिंह टिकैत इन्हीं क्षेत्रों में काफी लोकप्रिय हुआ करते थे।

दिल्ली बॉर्डर पर 80 से अधिक दिनों से जारी किसान आंदोलन का केंद्र अब गाजीपुर बॉर्डर बन गया है। इधर उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में किसानों की तरफ से लगातार महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। किसान महापंचायत में हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। सोमवार को बुलंदशहर में भी हजारों किसानों ने महापंचायत में हिस्सा लिया। आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत चुनाव भी होने वाले हैं। 2022 में राज्य में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। जिन क्षेत्रों में महापंचायतों का आयोजन किया जा रहा है वो पिछले कुछ समय से बीजेपी का गढ़ माना जाता रहा है।
उत्तर प्रदेश की 120 सीटों पर जाट मतदाताओं का प्रभाव देखा जाता रहा है। चौधरी चरण सिंह और महेंद्र सिंह टिकैत इन्हीं क्षेत्रों में काफी लोकप्रिय हुआ करते थे। हाल के दिनों में एक बार फिर से चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह और महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे राकेश टिकैत इन क्षेत्रों में एक जुट होते दिख रहे हैं, जिसका प्रभाव उत्तर प्रदेश की राजनीति पर पड़ने की संभावना है। पिछड़े विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस क्षेत्र में शानदार जीत दर्ज की थी।
बुलंदशहर: किसान महापंचायत में किसानों से खचाखच भरा मैदान#FarmersProstests #UttarPradesh pic.twitter.com/nTtjLYcKFj
— News24 (@news24tvchannel) February 22, 2021
नरेश टिकैत ने किया था बहिष्कार करने का ऐलान: भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत ने हाल ही में बीजेपी नेताओं का बहिष्कार करने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि कोई भी कार्यकर्ता बीजेपी के प्रतिनिधियों को विवाह समारोह का न्यौता नहीं दें। अपने कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा था कि अगर कोई न्यौता देता है तो उसे अगले दिन भारतीय किसान यूनियन के 100 सदस्यों के लिए भोजन का प्रबंध करना होगा।
बीजेपी नेताओं को विरोध का सामना करना पड़ा: भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत के द्वारा बीजेपी नेताओं के बहिष्कार करने के ऐलान के दूसरे ही दिन बीजेपी सांसद केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, विधायक उमेश मलिक और कई अन्य नेताओं ने शामली के लिसाढ़ गांव का दौरा कर जाट मतदाताओं को साधने का प्रयास किया।
लेकिन कृषि कानूनों से नाराज किसानों ने मुजफ्फरनगर के सांसद संजीव बालियान और बुलढाना के विधायक उमेश मलिक का जमकर विरोध किया। गांव के लोगों ने किसान एकता जिंदाबाद और बालियान मुर्दाबाद के नारे लगाएं।