कृषि कानूनः अभी तो स्वामिनाथन कमेटी की रिपोर्ट पर बात की ही नहीं, अभी तो पहली सीटी है- टिकैत ने चेताया
किसान नेता राकेश टिकैत ने उड़ीसा में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश में किसानों की लड़ाई चल रही है। किसानों ने दिल्ली को घेर कर रखा है।

26 मार्च को किसान आंदोलन के चार महीने पूरे हो जाएंगे। इतने दिन बीत जाने के बावजूद भी आंदोलनकारी किसान दिल्ली की सड़कों पर बैठे हुए हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच अभी भी गतिरोध बना हुआ है। इसी बीच उड़ीसा में आयोजित किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि अभी तो पहली ही सीटी है, अभी तो हमने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट पर बात ही नहीं की है। वहीं टिकरी बॉर्डर पर किसानों के मोर्चे का प्रतिनिधित्व कर रहे किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत ने उड़ीसा में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश में किसानों की लड़ाई चल रही है। किसानों ने दिल्ली को घेर कर रखा है। अभी तो पहला मामला एमएसपी का शुरू हुआ है। हमने तो अभी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट की बात ही नहीं की है। अभी तो यह पहली सीटी है। स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट भी आएगी, मार्केट भाव भी आएगा और हमारे साथ जो नाइंसाफी हुई है उसका भी हिसाब होगा।
इसके अलावा राकेश टिकैत ने कहा कि बड़ी बड़ी कंपनियां चाहती है कि किसान अपने खेतों को छोड़ कर चले जाए और हमारी कंपनियों में मजदूरी करे और चौकीदारी करे। लेकिन अब यह नहीं होगा। पहले इन्होंने(सरकार) सारे सरकारी विभाग बेचे लेकिन जब किसानी का नंबर आया तो देशभर के किसानों ने दिल्ली को घेर लिया। कई लाख आदमी आज भी अपने परिवार सहित दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं।
साथ ही राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि दिल्ली के चारों तरफ जो बॉर्डर हैं अगर वह मजबूत होगा तो किसानों के भाग्य का फैसला वहीं से होगा। उन्होंने उड़ीसा के किसानों से यह भी कहा कि अगर आप दिल्ली नहीं जा सकते हैं तो आपको हर जिले में यह आंदोलन शुरू करना पड़ेगा। साथ ही राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार हमसे दो महीनों से बात नहीं कर रही है। मुझे तो यह लगता है कि सरकार ठंड में बात करने आई थी और अब आगे भी ठंड के समय ही बातचीत शुरू करेगी।
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उड़ीसा के किसानों का धन्यवाद भी किया। उन्होंने कहा कि मैं ओडिशा के प्रत्येक किसान को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने दिल्ली में चल रहे हमारे आंदोलन में भाग लिया। यह एक बड़ा प्रभाव डालता है।