सिंघु पर और बिगड़े हालातः बैरिकेड्स, कंटेनर्स लांघ आगे बढ़े किसान, लाठीचार्ज; छोड़ी गई टियरगैस
दरअसल, किसान आगे बढ़ने पर अड़े थे। किसानों ने पुलिस वालों को आधे घंटे का वक्त दिया था। वे रिंग रोड के आगे बढ़ना चाहते थे। दूसरे दौर की बातचीत भी हुई। पुलिस चाहती है कि किसान उसी रूट पर आगे बढ़ें, जिस पर उन्हें मंजूरी मिली है।

72वें गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर मुख्य परेड (राजपथ पर) के बीच दिल्ली में कुछ जगह बैरिकेड्स तोड़कर आंदोलनकारी किसान प्रवेश कर गए। आगे बढ़ने के लिए वे बैरिकेड्स भी फांद गए हैं। यह सब सिंघु बॉर्डर की ओर हुआ, जो कि इस आंदोलन का केंद्र बिंदु है। बताया गया कि शुरुआत में पुलिस ने उन्हें रोका नहीं, जिसके बाद वे बैरिकेड्स हटाकर आगे बढ़ने लगे।
बेकाबू होते हालात देख पुलिस को हल्का-फुल्का लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसके बाद वहां पथराव भी हुआ। इस बीच, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसों के शीशे भी फूट गए। किसान इसके साथ-साथ आगे बढ़ते गए। यही नहीं, जहां-जहां पुलिस ने रास्ते बाधित करने को बैरिकेड्स और कंटेनर्स लगाए थे, वहां कुछ किसान उन्हें भी लांघ गए। उनमें से कई के पास लाठियां भी थीं।
पुलिस ने इस दौरान एक-दो आंसू गैस के गोले भी दागे गए। बहुत सारे किसान इसके बाद रुक गए, जबकि कुछ फिर भी आगे बढ़ते गए। किसानों ने इसके बाद कई पुलिस वालों का पीछा किया। टियर गैस छोड़े जाने के बाद ट्रैक्टर इसके बाद वापस लौटने लगे। चूंकि, किसानों के वाहन जाम में फंसने लगे, इसलिए वे उतरकर पैदल चलने लगे।
#WATCH Police use tear gas on farmers who have arrived at Delhi’s Sanjay Gandhi Transport Nagar from Singhu border#Delhi pic.twitter.com/fPriKAGvf9
— ANI (@ANI) January 26, 2021
दरअसल, किसान आगे बढ़ने पर अड़े थे। किसानों ने पुलिस वालों को आधे घंटे का वक्त दिया था। वे रिंग रोड के आगे बढ़ना चाहते थे। दूसरे दौर की बातचीत भी हुई। पुलिस चाहती है कि किसान उसी रूट पर आगे बढ़ें, जिस पर उन्हें मंजूरी मिली है।

उधर, सोनीपत (हरियाणा) की तरफ शांति हैं। किसान धीमे-धीमे आगे बढ़ रहे हैं। किसानों के ट्रैक्टरों और जीपों पर क्रांतिकारी गीतों के साथ युवा नजर आ रहे हैं।
हैरत की बात है कि ऐसा तब हो रहा है, जब दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा कारणों के मद्देनजर जो अनुमति दी थी। उनके मुताबिक, किसानों की ट्रैक्टर परेड राजपथ पर होने वाली मुख्य परेड के बाद शुरू होनी चाहिए थी, पर किसान सुबह आठ बजे के करीब ही दिल्ली की सीमाओं के पास जुट गए थे।
वहीं, टि्वटर पर ट्रैक्टर्स (किसानों के) बनाम ट्रेटर्स (गद्दार) ट्रेंड हो रहा है। लोग इस #TractorsVsTraitors के साथ किसान आंदोलन और ट्रैक्टर परेड से जुड़ी ताजा तस्वीरें और वीडियो शेयर कर रहे हैं। उधर, सुरक्षा कारणों के चलते हरियाणा में फरीदाबाद-पलवल बॉर्डर पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है।