‘किसान आंदोलन के पीछे है अदृश्य ताकत’, बोले कृषि मंत्री- यूनियन जब चर्चा कर जाते हैं, तो उनके सुर बदल जाते हैं..
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान जो भी प्रस्ताव रखते हैं हम उसपर विचार करने के लिए तैयार हैं। सरकार जब भी किसानों से चर्चा करती है तो उनसे कहती है कि आपको प्रस्ताव पर जो भी तकलीफ है हम उसपर चर्चा करने के लिए तैयार हैं।

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि है कि किसानों के आंदोलन के पीछे कोई अदृश्य ताकत है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने किसानों के साथ मिलकर विवाद को हल करने की बहुत कोशिश की..इसमें कुछ अदृश्य ताकते हैं जो इस मामले का हल नहीं चाहते हैं। जब इस साक्षात्कार के दौरान केंद्रीय मंत्री से पूछा गया कि यह अदृश्य ताकत कौन है? तब इसपर उन्होंने जवाब दिया कि यह ताकत कौन है इसके बारे में मुझे भी अभी नहीं पता है। कृषि मंत्री ने कहा कि मैं किसानों के साथ चर्चा कर रहा हूं और मेरी कोशिश है कि यह आंदोलन समाप्त हो जाए। मैं यूनियन से बात करता हूं तो मैं किसानों के हित के बारे में बात करता हूं। लेकिन जब किसान यूनियन चर्चा कर के चली जाती है तब उसके सुर बदल जाते हैं। पता नहीं कौन सी ताकतें इनको प्रभावित करती हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान जो भी प्रस्ताव रखते हैं हम उसपर विचार करने के लिए तैयार हैं। सरकार जब भी किसानों से चर्चा करती है तो उनसे कहती है कि आपको प्रस्ताव पर जो भी तकलीफ है हम उसपर चर्चा करने के लिए तैयार हैं।
#Exclusive | “We tried our best to resolve conflict with farmers. There are invisible forces involved which are not allowing the matter to be resolved.” : Agriculture Minister Narendra Singh Tomar (@nstomar) to @sardanarohit #FarmLaws #farmersProtest pic.twitter.com/vO8JbJe3Ab
— IndiaToday (@IndiaToday) January 24, 2021
बता देें कि कृषि कानूनों को लेकर किसान और केंद्र सरकार के बीच संघर्ष की स्थिति बरकरार है। शनिवार को किसान संगठन और सरकार के बीच हुई 11वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। हालांकि इस मीटिंग में कृषि मंत्री ने तीखे तेवर जरूर दिखा दिए। इस बीच रविवार को एकबार फिर कृषि मंत्री ने कहा कि किसान बस कानूनों को रद्द करने पर अड़े हुए हैं, जबकि वो इसका लाभ देखने की कोशिश कर रहे हैं।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ‘आज तक’ से बातचीत में कहा है कि किसान संगठन सिर्फ कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं, जबकि वो इसके लाभ पर विश्लेषण नहीं करना चाहते, यही कारण है कि अभी तक जितनी भी बातचीत हुई हैं, उनमें कोई समाधान नहीं निकल सका है। नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे कहा कि सरकार ने किसानों के मुद्दों को समझते हुए उनका विश्वलेषण किया और फिर एक प्रस्ताव भेजा, लेकिन किसानों ने केंद्र के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, किसानों को ऐसा नहीं करना चाहिए था। तोमर ने कहा कि जब हम आगे बढ़ सकते हैं तो उन्हें भी आगे बढ़ना चाहिए।