फेसबुक की अधिकार अंखी दास ने सोशल मीडियो नेटवर्किंग साइट की तरफ से हेट स्पीच मामले में भेदभाव के आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया है। अंखी दास का इस्तीफा कंपनी और उनसे सरकार की तरफ से पूछताछ के एक सप्ताह बाद आया है। पिछले सप्ताह अंखी दास संसदीय समिति के समक्ष पूछताछ के लिए पेश हुई थीं। मामला डाटा की निजता को लेकर जुड़ा था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फेसबुक की साउथ एंड सेंट्रल एशिया पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर से करीब दो घंटे तक सवाल जवाब किए गए थे।
मालूम हो कि अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अंखी दास ने भाजपा विधायक के हेट स्पीच वाले पोस्ट पर ऐक्शन लेने से अपनी टीम को रोका था। उन्होंने बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई से बिजनेस को नुकसान होने की बात कही थी।
इस रिपोर्ट के बाद विपक्ष भाजपा पर हमलावर हो गया था। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि फेसबुक और वॉट्सऐप बीजेपी-आरएसएस के नियंत्रण में है। राहुल के आरोपों का जवाब देते हुए आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैंब्रिज एनालिटिका की याद दिलाई थी।
वहीं, बीजेपी नेताओं के ‘हेट स्पीच’ पर नरमी बरतने के आरोपों के बाद अंखी दास को जान से मारने की धमकियां भी मिली थीं। इसके बाद अंखी ने दिल्ली में साइबर सेल यूनिट में शिकायत दर्ज कराई थी।
फेसबुक इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर अजित मोहन ने आधिकारिक बयान में कहा है कि अंखी दास ने लोगों की सेवा के लिए काम करने की इच्छा जताते हुए फेसबुक में अपना पद छोड़ने का फैसला लिया है। अजित मोहन ने कहा कि अंखी, भारत में हमारे सबसे पुरानी कर्मचारियों में से एक थीं।
उन्होंने पिछले 9 साल में कंपनी की ग्रोथ और सर्विस में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने आगे कहा कि वो पिछले 2 साल से मेरी लीडरशिप टीम का हिस्सा थीं। अंखी ने इस रोल को बखूबी अंजाम दिया। हम उनकी सेवाओं के लिए आभारी हैं और भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं।