सोशल मीडिया दिग्गज कंपनी फेसबुक पर आरोप लग रहे हैं कि वह घृणास्पद और गुमराह करने वाले कंटेट के खिलाफ अपनी जिम्मेदारी से बच रही है। बीते माह सामने आयी बजफीड की रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक पर मौजूद फर्जी अकाउंट्स दुनिया भर में चुनाव और राजनैतिक प्रक्रिया को कमजोर कर रहे हैं लेकिन सबूतों के बावजूद सोशल मीडिया कंपनी इनके खिलाफ कार्रवाई को या तो टाल रही है या फिर धीमी गति से कार्रवाई कर रही है।
बीते दिनों ही द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने भी एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें आरोप लगाए गए हैं कि भारत में फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी हेड अंखी दास, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन कर रही हैं और विपक्षी पार्टियों की उपेक्षा कर रही हैं। अल्ट न्यूज के अनुसार, द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक पूर्व रिपोर्ट में आरोप लगाए गए थे कि अंखी दास ने फेसबुक के घृणा भाषण के नियमों को ऐसे हिंदू राष्ट्रवादियों और संगठनों के खिलाफ लागू करने से ब्लॉक कर दिया है, जिन पर हिंसा को भड़काने के आरोप हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, बीते साल हुए लोकसभा चुनाव से पहले फेसबुक ने फर्जी और गुमराह करने वाले कंटेंट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए हजार से ज्यादा पेज बंद किए थे लेकिन इनमें भाजपा से जुड़े पेज का नाम नहीं था।
फेसबुक दुनियाभर में फैक्ट चेक के लिए थर्ड पार्टी साझेदारों पर निर्भर करती है। जिनमें से 8 भारतीय हैं। इन फैक्ट चेक साझेदारों का काम झूठी खबरों और गुमराह करने वाली खबरों को कम करना है। फेसबुक के भारतीय फैक्ट चेकिंग साझेदारों की बीते साल की रिपोर्ट का अध्ययन कर अल्ट न्यूज ने दावा किया है कि अगस्त 2019 से अगस्त 2020 के बीच किसी गुमराह करने वाली पोस्ट को लेकर किसी व्यक्ति या संगठन को इन फैक्ट चेकिंग साझेदारों द्वारा हाइलाइट नहीं किया गया है।
फेसबुक के भारत में आठ फैक्ट चेकिंग साझेदार एएफपी, बूमलाइव, द क्विंट, इंडिया टुडे, फैक्टली, फैक्टक्रेसेन्डो, न्यूजमोबाइल और विश्वास न्यूज हैं। अल्ट न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा की आईटी सेल के हेड अमित मालवीय, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा, पाकिस्तानी-कनैडियन लेखक तारिक फतह, सुदर्शन न्यूज के एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाण और ओपइंडिया की कई पोस्ट में अगस्त 2019-अगस्त 2020 के बीच कई गुमराह करने वाली जानकारी थी लेकिन अध्ययन में पता चला है कि बूमलाइव और द क्विंट को छोड़कर बाकी ने या तो इन रिपोर्ट्स को पब्लिश ही नहीं किया और अगर किया तो काफी कम।