दुनियाभर में कोरोनावायरस का कहर जारी है। इस बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि लॉकडाउन के अनुभव से हमें पता चला है कि कोरोना के फैलाव को मास्क के जरिए रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने फिलहाल मास्क पहनना बंद कर दिया है, लेकिन हम इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए अभियान चला रहे हैं। जैन के इस बयान के बाद इस बात को लेकर काफी संशय पैदा हो गया है कि क्या वाकई मास्क लोगों को कोरोना से सुरक्षित रख सकता है या इससे सिर्फ खतरा कम होता है?
क्या कहते हैं विशेषज्ञ: मेडिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि मास्क इस संक्रमण के खिलाफ कच्ची वैक्सीन का काम करते हैं। यानी इन्हें पहने रखने वाला कोरोना से बचा रहता है। इस थ्योरी का खुलासा करने वाले रिसर्चरों का कहना है कि फेस मास्क पहनने से लोग कम बीमार पड़ सकते हैं या फिर वे बिना लक्षण के हो सकते हैं, क्योंकि मुंह को ढके रहने से संक्रामक तत्व ज्यादा मात्रा में शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते।
मास्क पहनकर हो सकते हैं इम्यून?: एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नियमित तौर पर छोटी मात्रा में कोरोना संक्रामक तत्वों के शरीर में आने से प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सकती है और शरीर इस बीमारी से लड़ने के लिए आसानी से तैयार हो सकता है, जिससे व्यक्ति की इम्युनिटी बेहतर हो सकती है। अगर ये थ्योरी साबित हो जाती है, तो मास्क आने वाले समय में इम्युन रहने का बड़ा जरिया बन सकते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों की यह थ्योरी न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुई है। हालांकि, इस थ्योरी का साबित होना काफी मुश्किल है, क्योंकि इसके परीक्षण के लिए मास्क पहने हुए लोगों के साथ बिना मास्क के लोगों को भी कोरोनावायरस से संक्रमित करना जरूरी होगा और क्लिनिकल ट्रायल्स में ऐसा संभव नहीं है।
मुश्किल है इस थ्योरी को साबित करना: संक्रामक रोगों की विशेषज्ञ डॉक्टर मोनिका गांधी ने इस रिसर्च में कहा है कि मास्क पहनने वाले लोग संक्रमित होने के बावजूद बिना लक्षण के हो सकते हैं। इसलिए अगर मास्क पहने हुए बिना लक्षण वाले लोगों की दर बढ़ाई गई, तो इससे आबादी पर कोरोना की छाप छूटेगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस थ्योरी को साबित करने के लिए यह जानने की जरूरत होगी कि कोरोनावायरस के लक्षण वाले और बिना लक्षण वाले मरीजों की टी-सेल की मजबूती कितनी है। इसके अलावा ये जानना भी जरूरी होगा कि बिना लक्षण के संक्रमित हुए लोगों से कोरोना फैलने की दर में कितनी गिरावट आती है।
हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस तरह की रिसर्च से जोखिम पैदा हो सता है। संक्रामक रोग और महामारी विशेषज्ञ सासकिया पोपेस्कु ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि यह एक बड़ी छलांग जैसा लगता है, हमारे पास इस थ्योरी के समर्थन में ज्यादा कुछ नहीं है। हम अभी भी चाहते हैं कि लोग कोरोना से बचने के लिए सही उपाय अपनाएं। यानी भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूर रहें, मास्क पहनते रहें और हाथों को साफ रखें।