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EV scooter fires: नितिन गडकरी ने दी चेतावनी, भारी जुर्माना लगाएंगे, ऐसी कंपनियों के खिलाफ होगी सख्‍त कार्रवाई  

इस बीच नीति आयोग ने गुरुवार को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये बैटरी अदला-बदली नीति का मसौदा जारी किया। इसमें अन्य बातों के अलावा प्रोत्साहन देने के साथ-साथ कड़ी परीक्षण व्यवस्था के सुझाव दिये गये हैं।

Nitin Gadkari, E-Scooter
हादसों को देखते हुए कई कंपनियों ने वाहनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी हैं। (फोटो सोर्स- ट्विटर)

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल के दिनों में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों से जुड़ी कई दुर्घटनाओं पर दुख व्यक्त करते हुए गुरुवार को कहा कि सरकार इन घटनाओं की जांच के लिए गठित एक विशेषज्ञ पैनल की रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद चूक करने वाली कंपनियों पर आवश्यक आदेश जारी करेगी। एक के बाद एक कई ट्वीट्स करके गडकरी ने कहा: “हम जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए गुणवत्ता-केंद्रित दिशानिर्देश जारी करेंगे। यदि कोई कंपनी अपनी प्रक्रियाओं में लापरवाही करती पाई जाती है, तो भारी जुर्माना लगाया जाएगा और सभी दोषपूर्ण वाहनों को वापस लेने का आदेश दिया जाएगा।

यह कहते हुए कि नरेंद्र मोदी सरकार सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, गडकरी ने कहा: “कंपनियां वाहनों के सभी दोषपूर्ण बैचों को तुरंत वापस बुलाने के लिए अग्रिम कार्रवाई कर सकती हैं।” पिछले कुछ हफ्तों में, ओकिनावा के अलावा ओला इलेक्ट्रिक, प्योर ईवी और जितेंद्र ईवी द्वारा निर्मित एक दर्जन से अधिक इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लग गई है। संबंधित कंपनियों ने इनकी जांच शुरू कर दी है।

तेलंगाना के निजामाबाद जिले में बुधवार को एक इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी चार्ज होने के दौरान उसके घर में फट जाने से 80 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। निजामाबाद की घटना के सुर्खियों में आने के तुरंत बाद, इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता प्योर ईवी ने ETrance Plus और EPluto 7G मॉडल से संबंधित 2,000 वाहनों को वापस बुलाने के अपने फैसले की घोषणा की। इस हफ्ते की शुरुआत में, दोपहिया ईवी निर्माता ओकिनावा ऑटोटेक ने भी कहा था कि वह बैटरी से संबंधित किसी भी समस्या को ठीक करने के लिए अपने प्रेज़ प्रो स्कूटर की 3,215 इकाइयों को वापस बुला रही है।

इस बीच नीति आयोग ने गुरुवार को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये बैटरी अदला-बदली नीति का मसौदा जारी किया। इसमें अन्य बातों के अलावा प्रोत्साहन देने के साथ-साथ कड़ी परीक्षण व्यवस्था के सुझाव दिये गये हैं। यह मसौदा नीति ऐसे समय लायी गयी है, जब इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने के कई मामलों के बाद इन गाड़ियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है।

इसके तहत पहले चरण में बैटरी अदला-बदली नेटवर्क के विकास को लेकर 40 लाख से अधिक आबादी वाले सभी महानगरों को प्राथमिकता दी जाएगी। दोपहिया और तिपहिया वाहनों के महत्व को देखते हुए राज्यों की राजधानियों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यालय समेत पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को दूसरे चरण में शामिल किया जाएगा। नीति में सभी कारोबारी मॉडल में समान अवसर उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया है। इसमें बैटरी के साथ या अदला-बदली के तहत बिना बैटरी वाले इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री शामिल हैं।

इसमें कहा गया है कि ईवी खरीद के लिये मौजूदा या नई योजनाओं के तहत दिये जाने वाले मांग संबंधित प्रोत्साहन बैटरी अदला-बदली वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को उपलब्ध कराये जा सकते हैं। नीति के मसौदे में सुझाव दिया गया है, ‘‘प्रोत्साहन के आकार का निर्धारण बैटरी की किलोवॉट रेटिंग और ईवी के आधार पर किया जा सकता है।’’ इसमें यह भी प्रस्ताव किया गया है कि सब्सिडी के वितरण को लेकर एक उपयुक्त प्रणाली संबंधित मंत्रालय या विभाग तैयार करेगा।

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First published on: 21-04-2022 at 21:54 IST
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