उत्तर प्रदेश के बांदा में जूनियर इंजीनियर द्वारा बच्चों के यौन शोषण के मामले में एक बड़ी जानकारी सामने आई है। सीबीआई के मुताबिक आरोपी इंजीनियर ने 70 से ज्यादा बच्चों को अपनी हवस का शिकार बनाया था। मामले में जिन बच्चों को इंजीनियर ने अपना शिकार बनाया था उनके एचआईवी पॉजिटिव होने का संदह भी है।
इससे पहले अदालन ने सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर रहे आरोपी की न्यायिक हिरासत को बढ़ा दिया था। आरोपी को बच्चों के यौन शोषण के लिए गिरफ्तार किया गया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के आवेदन पर अदालत ने आरोपी रामभवन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अदालत ने पहले रामभवन की पांच दिन की हिरासत दी थी जो 30 नवंबर को समाप्त हो गई थी। सीबीआई ने जेई से पूछताछ के दौरान एकत्र किए गए सबूतों को अदालत में पेश भी किया था। मालूम हो कि रामभवन को 16 नवंबर को सीबीआई ने बच्चों के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया था।
बता दें कि आरोपी 10 साल से बच्चों को अपना शिकार बना रहा था। वह अपने इन अपराधों की वीडियो बनाकर डार्क नेट पर बेच दिया करता था। इस काम में उसकी पत्नी भी उसका साथ दिया करती थी। आरोपी गरीब परिवार के बच्चों को अपना शिकार बनाया करता था। सीबीआई ने बताया कि बच्चों को लालच देकर आरोपी अपराध को अंजाम देता था।
आरोपी पर आईटी एक्ट, पोक्सो कानून और आईपीसी की धारा 377 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी 5 से 16 साल तक के बच्चों को निशाना बनाया करता था। सीबीआई ने बताया कि आरोपी के पास से कई सारे मोबाइल फोन, आठ लाख रुपये नकद, सैक्स टॉय,लैपटॉप और बच्चों के यौन उत्पीड़न से जुड़ा सामान मिला है। फोन और लैपटॉप को खंगालने पर सीबीआई को 66 वीडियो 610 आपत्तिजनक तस्वीरें मिलीं।
इससे पहले दो मौकों पर बच्चों के माता-पिता ने शिकायत की थी लेकिन आरोपी ने गरीब माता-पिता को पैसे का लालच देकर मुंह बंद करा दिया था। आरोपी की 18 साल पहले शादी हुई थी और उसके खुद के बच्चे नहीं हैं। वह बच्चों के प्रति दया का दिखावा किया करता था लोगों को भी लगता कि आरोपी की संतान नहीं है इसलिए वह ऐसा किया करता है। लोगों को आरोपी की नीयत का एहसास नहीं था।
आरोपी का भांडाफोड़ तब हुआ जब सीबीआई को मालूम चला कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी अधिकतर कहां से अपलोड की जाती है। जिसके बाद अपलोड करने वाले इंजीनियर को फिर पुलिस ने दबोच लिया।