दिल्ली की जिला उपभोक्ता अदालत ने फेयरनेस क्रीम बनाने वाली कंपनी इमामी पर 15 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने यह फैसला 26 साल के इग्जेक्युटिव निखिल जैन की याचिका पर सुनाया है। तीन साल पहले दायर अर्जी में निखिल ने आरोप लगाया था कि इमामी ने प्रचार में जो दावा किया था, क्रीम के इस्तेमाल से सच में वैसा कोई नतीजा नहीं आया।
इमामी स्किन क्रीम के इस्तेमाल के बाद खुद को छला हुआ महसूस करने के बाद निखिल ने अपने भाई पारस (जो वकालत पढ़ रहे हैं) की मदद से कंपनी के खिलाफ अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेस का आरोप लगाया था।
निखिल ने जो क्रीम खरीदा था उसके प्रचार में चार हफ्ते में गोरापन लाने का वादा किया गया था। उन्हें प्रचार में शाहरुख खान यह दावा करते दिखे थे। मुंबई में रह रहे निखिल ने अंग्रेजी अखबार ‘द टेलीग्राफ’ को बताया, ‘मैंने एक महीने तक क्रीम का इस्तेमाल किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
मुझे बड़ी हैरानी हुई। मैंने सोचा कि ऐसे ही करोड़ों लोग इसका इस्तेमाल कर रहे होंगे और उन्हें कोई फायदा भी नहीं हो रहा होगा। इसे लेकर कोई कोर्ट जाने की भी नहीं सोचता। मैंने और पारस ने कोर्ट जाने का फैसला किया, ताकि दूसरे लोग हमारी तरह खामियाजा भुगतने से बच जाएं।’
कोर्ट में कंपनी ने कहा कि उसका प्रॉडक्ट त्वचा की सेहत और गुणवत्ता सुधारने के लिए है। इस पर कोर्ट ने विज्ञापन को भ्रामक बताया। कोर्ट ने कहा, ‘पहली बात तो विज्ञापन में गोरापन शब्द का प्रयोग किया गया है, जिसका मतलब है त्वचा का रंग साफ करना। दूसरी बात, इसमें वादा किया गया है कि चार हफ्ते के इस्तेमाल के बाद गोरी त्वचा मिलेगी।’
निखिल ने कोई हर्जाना नहीं मांगा था। उन्होंने केवल मुकदमे का खर्च मांगा था। सो उन्हें 10 हजार रुपए दिए जाएंगे। 15 लाख रुपए का हर्जाना दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग के उपभोक्ता कल्याण कोष में चला जाएगा। वैसे, इमामी के पास अभी राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प खुला है।