कर्नाटक में अगले महीने विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections) होने वाले हैं। चुनाव आयोग इसी की तैयारियों में लगा हुआ है। पिछले हफ्ते चुनाव आयोग की तीन सदस्यीय टीम कर्नाटक के दौरे पर थी। इस दौरान टीम ने राजनीतिक दलों के नेताओं से भी मुलाकात की और उनकी चिंताओं को जाना।
चुनाव आयोग (Election Commission of India) यह दोहराने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहा है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। चुनाव आयोग पिछले हफ्ते बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Chief Election Commissioner Rajiv Kumar) के सवालों के जवाब की छोटी क्लिप भी ट्वीट कर रहा है।
एक क्लिप में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कहना है कि ईवीएम ने खुद को साबित कर दिया है और पिछले पांच चुनावों में कोई शिकायत नहीं हुई है। चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त की टिप्पणी को यह दोहराने के लिए साझा किया जा रहा है कि ईवीएम मुद्दा सुलझा लिया गया है।
बता दें कि कर्नाटक चुनाव के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा की अवधि 24 मई को समाप्त हो रही है और उसके पहले चुनाव करा दिए जाएंगे। वहीं इस बार चुनाव आयोग 80 वर्ष से अधिक आयु वाले मतदाताओं को विशेष सुविधा प्रदान करेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, “पहली बार हम कर्नाटक में सभी 80+ और विकलांग मतदाताओं को सुविधा प्रदान करने जा रहे हैं। यदि वे चाहें तो अपने घरों से भी मतदान कर सकते हैं। एक फॉर्म 12डी है जो अधिसूचना के 5 दिनों के भीतर उपलब्ध होगा ताकि घर से मतदान करने के इच्छुक किसी भी 80+ या पीडब्ल्यूडी मतदाता को सुविधा मिल सके।”
बता दें कि कर्नाटक में अभी बीजेपी की सरकार है और बसवराज बोम्मई राज्य के मुख्यमंत्री हैं। चुनाव आयोग के साथ बैठक में सभी 224 निर्वाचन क्षेत्रों में एक ही चरण में आगामी विधानसभा चुनाव कराने की मांग करते हुए कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) ने राज्य में आदर्श आचार संहिता को तुरंत लागू करने का आग्रह किया। कांग्रेस ने तर्क दिया कि ऐसा इसलिए ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किया जा सके।