जांच एजंसी यह अनुमान नहीं लगा सकती कि एक अपराध हुआ है। उच्च न्यायालय ने कहा कि जिस अपराध के बारे में अनुमान लगाया गया है, उसकी अवश्य ही जांच करनी होगी और उस सिलसिले में कानूनी रूप से अधिकृत प्राधिकारों द्वारा सुनवाई करनी होगी।
साथ ही, ईडी यह अपराध कथित तौर पर हुए होने की जांच करने की शक्ति नहीं हथिया सकती है। अदालत ने कहा कि इस बात पर जोर दिए जाने की जरूरत है कि धनशोधन रोकथाम अधिनियम ईडी को सिर्फ धारा 3 के तहत हुए अपराधों की जांच करने की शक्तियां देता है। जांच करने की इसकी शक्तियां इस धारा में परिभाषित धन शोधन के अपराध तक सीमित हैं।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने 24 जनवरी को एक फैसले में कहा कि अनुमानित अपराध की अवश्य जांच करनी होगी और इसकी सुनवाई इस सिलसिले में कानून द्वारा अधिकार प्राप्त प्राधिकारों द्वारा करनी होगी। प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड और प्रकाश थर्मल पावर लिमिटेड की दो अलग-अलग याचिकाओं पर उच्च न्यायालय की यह टिप्पणी आई है।यह आरोप है कि दोनों कंपनियों ने कोयला ब्लाक खरीदने के लिए अपनी कुल संपत्ति के बारे में सही आंकड़े नहीं दिए थे।