ये है डिप्टी सीएम बनने जा रहे दुष्यंत चौटाला की कोर टीम, 28 साल के भाई से 65 साल के डॉक्टर तक
फिलोसॉफी में डॉक्टरेट केसी बांगर भी इनेलो से जेजेपी में आए हैं। ओमप्रकाश चौटाला की सरकार में केसी बांगर हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) के चेयरमैन रहे हैं। पार्टी मेनीफेस्टो में पॉलिसी बनाने में उनका अहम योगदान रहा।

जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का गठन सिर्फ 10 माह पहले हुआ था और हरियाणा विधानसभा के चुनाव में 10 सीटें जीतकर पार्टी राज्य की सत्ता में किंगमेकर बनकर उभरी है। पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने उंचाना कलां सीट से करीब 40 हजार वोटो से जीत दर्ज की है। बता दें कि दुष्यंत चौटाला कैलिफोर्नियां स्टेट यूनिवर्सिटी से बिजनेस ग्रेजुएट हैं और इसके साथ ही नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से भी पढ़े हैं। हरियाणा के रसूखदार राजनैतिक परिवार से उनका नाता है और पूर्व उप-प्रधानमंत्री देवी लाल के वह पड़पोते हैं। 26 साल की उम्र में सबसे युवा सांसद बनने वाले दुष्यंत चौटाला के फेसबुक पर 8 लाख और ट्विटर पर एक लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं।
जननायक जनता पार्टी का कहना है कि उनकी पार्टी युवा और अनुभव का मिश्रण है। पार्टी के अनुसार, उसके समर्थकों की औसत उम्र 38 साल और विधानसभा चुनावों में उसके उम्मीदवारों की औसत उम्र 40 साल है। पार्टी नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी का सिद्धांत है कि बड़ों से अनुभव लेकर युवाओं को आगे बढ़ाना है। हालिया चुनावों में जननायक जनता पार्टी की सफलता में उसकी कोर टीम का बड़ा हाथ है। आइए जानते हैं जेजेपी की कोर टीम के बारे में-
दिग्विजय सिंह (28 वर्ष): दुष्यंत चौटाला के छोटे भाई दिग्विजय चौटाला पार्टी की छात्र शाखा इंडियन नेशनल स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन (INSO) के चीफ हैं। दिग्विजय चौटाला जनसभाओं के दौरान अपनी आक्रामक भाषण शैली के लिए जाने जाते हैं। हरियाणा चुनावों के दौरान दिग्विजय ने कॉलेज छात्र-छात्रोओं और पहली बार वोट डालने जा रहे युवाओं को पार्टी से जोड़ने पर ध्यान दिया था।
अभय मौर्य (60 वर्ष): अभय मौर्य एक लेखक हैं और हैदराबाद की सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेज के पूर्व वाइस चांसलर हैं। जेजेपी की मेनीफेस्टो कमेटी के चीफ अभय मौर्य ही हैं।
निशान सिंह (63 वर्ष): जेजेपी के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह राज्य की टोहना सीट से पूर्व विधायक हैं और इनेलो से जेजेपी में आए हैं। निशान सिंह इस बार चुनाव नहीं लड़े और उनकी जगह देविंदर बबली ने चुनाव लड़ा और उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को हराया। निशान सिंह इनेलो में किसान सेल के प्रमुख रहे हैं और अब जेजेपी में भी वह किसानों को पार्टी के साथ जोड़ने की कोशिशों में जुटे हैं। पंजाबी बहुल इलाकों में निशान सिंह का खासा प्रभाव माना जाता है।
डॉ. केसी बांगर (65 वर्ष): फिलोसॉफी में डॉक्टरेट केसी बांगर भी इनेलो से जेजेपी में आए हैं। ओमप्रकाश चौटाला की सरकार में केसी बांगर हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) के चेयरमैन रहे हैं। अजय चौटाला के इनेलो से निकाले जाने के बाद उन्होंने इनेलो छोड़ दी थी। केसी बांगर जेजेपी के थिंकटैंक माने जाते हैं। पार्टी मेनीफेस्टो में पॉलिसी बनाने में उनका अहम योगदान रहा।
जसबीर सिंह बेनीवाल (46 वर्ष): जसबीर सिंह बेनीवाल एक कमर्शियल पायलट रहे हैं और हालिया लोकसभा चुनावों में जेजेपी और आप के गठबंधन में अहम भूमिका निभा चुके हैं। फिलहाल जसबीर सिंह बेनीवाल पार्टी में किसी पद पर नहीं हैं और पार्टी और दुष्यंत चौटाला को सलाह देने तक सीमित हैं।
नितिन सहरावत (30 वर्ष): नितिन सहरावत जेजेपी का सोशल मीडिया हैंडल करते हैं। सहरावत के अनुसार, दुष्यंत चौटाला के नाम पर 50 फेसबुक पेज हैं। सहरावत का दावा है कि बीती 19 अक्टूबर को पीएम मोदी ने हिसार में एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान 4.55 लाख लोगों ने उनकी रैली को फेसबुक लाइव पर देखा। वहीं उसी दिन दुष्यंत चौटाला ने दादरी में एक रैली को संबोधित किया, जिसे 7.56 लाख लोगों द्वारा देखा गया।