जम्मू और कश्मीर में कुख्यात आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकियों के साथ राष्ट्रपति द्वारा दिए जाने वाले पुलिस मेडल से सम्मानित डिप्टी सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस (डीएसपी) अरेस्ट किया गया है। शनिवार को यह गिरफ्तारी कुलगाम जिले के काजीगुंड इलाके में मीर बाजार के पास से हुई। बताया जा रहा है कि कुलगाम जिले के क्वाज़ीगुंड इलाके में यह तीनों एक कार में घूम रहे थे उसी वक्त पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया। हिजबुल के दोनों आतंकियों की पहचान नावेद बाबू और आसिफ रादेर के तौर पर हुई है।
नावेद हिजबुल का टॉप कमांडर है जबकि आसिफ एक लिस्टेड आतंकवादी। यह दोनों शोपियां जिले के रहने वाले हैं औऱ आसिफ तीन साल पहले ही हिजबुल में शामिल हुआ था। बताया जा रहा है कि जिस सफेद रंग की मारूती कार से यह तीनों सफर कर रहे थे उसमें से 2 एके-47 और कुछ हैंडग्रेनेड भी रखे हुए थे जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है।
आंतकवादियों के साथ रंगेहाथ पकड़े गए डीएसपी देविन्दर सिंह फिलहाल श्रीनगर इटंरनेशनल एयरपोर्ट पर पोस्टेड थे। इससे पहले वो जम्मू-कश्मीर पुलिस के एंटी हाइजैकिंग स्क्वॉयड में शामिल थे। एंटी-टेररिस्ट ऑपरेशन में बेहतरीन प्रदर्शन करने की वजह से ही उन्हें डीएसपी बनाया गया था। देविन्दर सिंह को आतंकियों के साथ पकड़ने के बाद पुलिस ने उनके श्रीनगर स्थित आवास पर भी छापेमारी की।
यहां से पुलिस ने एक एके-47, 2 पिस्टल औऱ तीन हैंडग्रेनेड बरामद किया है। श्रीनगर में देविन्दर सिंह उच्च श्रेणी की सुरक्षा वाले इलाके में रहते थे। पुलिस के मुताबिक डीएसपी आतंकियों को घाटी से बाहर निकालने में मदद कर रहे थे। बताया जा रहा है कि डीएसपी की मदद से आतंकी दिल्ली आने वाले थे। डीएसपी को आतंकियों के साथ गिरफ्तार करने की मुहिम का दक्षिणी कश्मीर के डीआईजी अतुय गोयल ने नेतृत्व किया और कुलगाम के पास आतंकियों की कार को रुकवाया था।
एक खास बात यह भी है कि हिजबुल का कमांडर नावेद भी पूर्व पुलिस कॉन्स्टेबल है। वो बडगाम जिले में मई 2017 तक पदस्थापित था और फिर दो एके-47 रायफल लेकर वो हिजबुल में शामिल होने के लिए भाग गया था।

