जम्मू-कश्मीर के अरनिया सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अग्रिम इलाके में मंगलवार रात बीएसएफ के जवानों ने एक उड़ते हुए संदिग्ध ड्रोन पर फायरिंग की। जवानों ने उस पर हमला किया तो वो पाकिस्तान की ओर लौट गया। सीमा पर इससे पहले भी कई बार ड्रोन देखे जा चुके हैं।
बीएसएफ के मुताबिक 13 और 14 जुलाई की मध्य रात्रि में 9 बजकर मिनट पर 200 मीटर की ऊंचाई पर अरनिया सेक्टर में सैनिकों को एक चमकती लाल बत्ती देखी गई। अलर्ट सैनिकों ने अपनी स्थिति से लाल बत्ती की ओर गोलीबारी की। जिसके कारण वह लौट गया। जवानों ने उसे पाकिस्तान की ओर लौटते हुए देखा। बताया गया कि इलाके की तलाशी ली जा रही है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं मिला है।
जम्मू में 27 जून को भारतीय वायु सेना स्टेशन पर ड्रोन हमले के बाद से जम्मू में ड्रोन देखना नियमित घटना बन गई है। पिछले कई दिनों से जम्मू कश्मीर के आस पास के इलाकों में ड्रोन देखे जा रहे हैं। एलओसी पर इससे पहले भी अरनिया सेक्टर के पास ड्रोन देखा जा चुका है। ड्रोन दिखने की पहली घटना 2 जुलाई को सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर हुई थी। बीएसएफ के जवानों ने ड्रोन पर फायरिंग की लेकिन फायरिंग होते ही ड्रोन वहां से गायब हो गया।
उधर, उधमपुर, श्रीनगर राजोरी समेत जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में ड्रोन और अन्य मानव रहित हवाई यंत्रों के भंडारण, बिक्री या उसे रखने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
गौरतलब है कि ये घटनाएं विपक्षी पार्टियों के नेताओं की पीएम मोदी से मुलाकात के बाद से ही सामने आना शुरू हुई हैं। जम्मू कश्मीर के स्थानीय दलों व कांग्रेस के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जम्मू कश्मीर की आगे की रणनीति तय करने के लिए मुलाकात की थी। मुलाकात के लिए पीएम मोदी ने ही सभी दलों को आमंत्रित किया था। धारा 370 हटने के बाद यह मोदी की जम्मू कश्मीर के विपक्षी दलों के साथ पहली बैठक थी जिसमें घाटी को लेकर बातचीत हुई।