LAC पर कारगर नहीं रहा सेनाओं का पीछे हटना? बोले सेना प्रमुख- चीन की ओर से ‘खतरा टला नहीं’
सेना प्रमुख एमएम नरवाना ने गुरुवार को कहा कि चीन से खतरा पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। सेना प्रमुख ने वास्तविक नियंत्रण रेखा का सीमांकन करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ पिछले साल मई में शुरू हुए तनाव के बाद अब पैंगॉन्ग झील पर डिस्इंगेजमेंट की प्रक्रिया चल रही है और दोनों देशों के बीच सीमा पर संबंध सामान्य होने की उम्मीद जताई जा रही है। लेकिन इसी बीच सेना प्रमुख एमएम नरवाना ने गुरुवार को कहा कि चीन से खतरा पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है।
सेना प्रमुख ने वास्तविक नियंत्रण रेखा का सीमांकन करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि खतरा अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम के संबंध में पाकिस्तान की गंभीरता का अनुमान गर्मियों की शुरुआत के बाद ही लगाया जा सकता है। टाइम्स नाउ इंटरनैशनल इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में नरावन ने कहा कि जबतक डी-एस्केलेशन पर्याप्त मात्रा में नहीं होता और कई जगहों से आए सैनिक जबतक सीमा के आस-पास रहते हैं। ताबतक खतरा बना रहेगा।
नरावन ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख के उन क्षेत्रों में अब भी बैठे हैं जो पिछले साल मई में गतिरोध शुरू होने से पहले भारत के नियंत्रण में थे। सेना प्रमुख ने कहा कि पीछे के क्षेत्रों में सैन्य शक्ति उसी तरह बरकरार है, जिस तरह यह सीमा पर तनाव के चरम पर पहुंचने के समय थी।
उन्होंने कहा कि उत्तरी सीमाओं पर तनाव था जिसे कई दौर की वार्ता के माध्यम से हल किया गया। जिसके नाद पैंगोंग त्सो में डिस्इंगेजमेंट की प्रक्रिया चल रही है। सेना प्रमुख ने कहा “बातचीत दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों सहित विभिन्न स्तरों पर थी। ”
पाकिस्तान के साथ हाल ही में संपन्न सैन्य स्तर की वार्ता पर, सेना प्रमुख ने कहा “दोनों पक्षों के DsGMO के बीच वार्ता हुई और 25 फरवरी को एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें 2003 की संघर्ष विराम समझ को फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की गई। मार्च के पूरे महीने में, हमने नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की एक भी घटना नहीं देखी और दोनों देशों की तरफ से कोई राउंड फायर नहीं हुए।”
नरावन ने कहा ” पिछले लगभग पांच से छह वर्षों में यह पहली बार है कि सीमा एकदम शांत है। यह वास्तव में भविष्य के लिए अच्छा है। सीमा पर व्याप्त शांति, देश की शांति और स्थिरता में योगदान देगा। “