Delhi Violence: हिन्दू भाई हो? हां में सिर हिलाया तो जाने दिया, पुलिस कमिश्नर ने समझाया तो एक शख्स चिल्लाया- कपिल मिश्रा का कराया है ये सब
Delhi Maujpur-Babarpur-Jafrabad Violence: दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर में हुई हिंसा में अब तक एक पुलिस कॉन्सटेबल समेत 5 लोगों की मौत हो चुकी है। ट्रंप के दौरे से पहले कमिश्नर वहां लोगों को समझाने पहुंचे।

Delhi Maujpur-Babarpur-Jafrabad Violence: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर सोमवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली में लगातार दूसरे दिन हिंसा हुई। इसमें एक कॉन्सटेबल समेत 5 लोगों की जान चली गई। दोनों पक्षों के बीच हिंसा रोकने में मौजपुर के लोगों ने अहम भूमिका निभाई। यहां रहने वालों ने दोनों समुदाय के प्रदर्शनकारियों के बीच मानव श्रृंखला बनाकर हिंसा बढ़ने से रोका। इस बीच एक व्यक्ति जब अपना खोया हुआ बैग ढूंढने के लिए प्रदर्शन वाले इलाके में पहुंचा तो उसका सामना लाठी-डंडे लिए लोगों से हो गया। लोगों ने पूछा- हिंदू भाई हो? इस पर शख्स ने हां में सिर हिलाया और प्रदर्शनकारियों ने उसे जाने दिया।
‘हमारी इज्जत दांव पर है, शांति बनाए रखें’ ट्रंप के दौरे से पहले बोले कमिश्नर: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे के मद्देनजर दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) सतीश गोलचा ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाया और कहा- “दिल्ली में एक बड़ा इवेंट हो रहा है। हमारी इज्जत दांव पर है। ऐसे में शांति बनाए रखना जरूरी है। हम आपकी बात भी सुनेंगे।” हालांकि, इसी बीच एक प्रदर्शनकारी चिल्लाया- “कपिल मिश्रा (भाजपा नेता) का क्या, जो इन सबके लिए जिम्मेदार है?” इस पर गोलचा ने कहा- “सुप्रीम कोर्ट अब हमारी सुन रही है। सभी का नाम खराब हुआ है।”
जैसे ही गोलचा प्रदर्शनस्थल से रवाना हुए, सीएए के विरोध में खड़े प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं के आसपास मानव श्रृंखला बना ली। शाजमा नाम की एक महिला ने बताया- “पूरे दिन की हिंसा में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और आदमियों को दौड़ाया। लेकिन महिलाओं ने आखिर तक अपनी जगह नहीं छोड़ी।”
रातभर रहा अफरा-तफरी का माहौल: शाम को प्रदर्शन के शांत होने के बावजूद सीएए समर्थकों की भीड़ पूरे इलाके में लाठी-डंडों के साथ घूमती रही। सीएए का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों के सामने आते ही भीड़ उनकी तरफ बढ़ी, लेकिन पुलिस दल ने उन्हें बीच में ही रोकने की कोशिश की। पास ही मौजूद एक मंदिर में सीएए समर्थक प्रदर्शनकारी एक-दूसरे को समझा रहे थे- “जब तक ये (सीएए विरोध प्रदर्शनकारी) नहीं हटेंगे, कहीं नहीं जाना है।”