Delhi NCR Weather, Temperature: दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों के लिए दिसंबर की ठंड कहर बरपा रही है। सोमवार की सुबह राष्ट्रीय राजधानी भीषण कोहरे की गिरफ्त में रही और इस दौरान दृश्यता जबर्दस्त ढंग से कम रही। कोहरे के चलते ट्रेन एवं विमान सेवाएं प्रभावित रहीं। कुछ जगह दृश्यता शून्य मीटर तक दर्ज की गई। न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सीजन के औसत तापमान से चार डिग्री कम है और हवा में नमी का स्तर 100 प्रतिशत दर्ज किया गया।
इस बार दिसंबर की ठंड ने 119 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अब तक देखने में आया है कि दिल्ली के कई हिस्सों में शिमला और मसूरी जैसे मशूहर हिल स्टेशनों से भी ज्यादा ठंड पड़ी है। ठंड का कहर दिन और रात दोनों ही समय है। बीते शनिवार और रविवार को इन दोनों हिल स्टेशनों में अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया। जबकि इन दोनों ही दिनों में दिल्ली में तापमान 14 डिग्री से नीचे रहा है।
दिल्ली में शिमला-मसूरी से ज्यादा ठंड:
शनिवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 13.3 डिग्री जबकि न्यूनतम 2.4 डिग्री रहा। वहीं शिमला में अधिकतम तापमान 14.8 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस रहा। मसूरी में शनिवार को अधिकतम तापमान 14.1 डिग्री रहा जबकि न्यूनतम तापमान 3.9 डिग्री रहा। इसी तरह रविवार को दिल्ली (पालम) में अधिकतम तापमान 13.5 डिग्री सेल्सियस रहा और न्यूनतम 3.2 डिग्री सेल्सियस। शिमला में 14.4 तथा 2.8 जबकि मसूरी में रविवार अधिकतम तापमान 14.5 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 4.0 डिग्री सेल्सियस रहा।
यह है वजह:
मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसका मुख्य कारण मैदानी इलाकों में दिन के समय कोहरा छाया रहना है। जिसकी वजह से जमीन तक सूरज की रोशनी नहीं पहुंच रही और इसके अलावा ठंड से बचने के लिए लोगों द्वारा जलाए गए अलाव ने धुंध का एक कवर बनाने का काम किया है। दिल्ली में रात का तापमान दो डिग्री के आसपास रहा जो शनिवार को दोनों हिल स्टेशन से नीचे था। रविवार को कई स्थानों का तापमान शिमला के अधिकतम 2.8 के आसपास रहा। वहीं कई स्थान मसूरी से भी ज्यादा ठंडे रहे।
उत्तरी मैदानी इलाकों में पिछले एक पखवाड़े से रोजाना सुबह कोहरे का असर दिखाई दे रहा है। जो दिन के समय एक ऊंचाई पर ऊपर उठ रहा है और कोहरे का या एक छोटे से क्लाउड (बादल) कवर का निर्माण कर रहा है। दिन के समय का यह कोहरा पाकिस्तान के पूर्वी क्षेत्रों से लेकर बिहार तक लगभग पूरे उत्तरी मैदानी इलाके को कवर कर रहा है। इस क्लाउड कवर के कारण सूरज की रोशनी जमीन तक नहीं पहुंच रही हैं। जिसके कारण दिन काफी ठिठुरन भरे होते हैं।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जिस तरह की सर्दी पड़ रही है, उसे असामान्य नहीं कहा जा सकता है। आमतौर पर उत्तर और उत्तरपूर्व भारत में पश्चिमी हिस्से और वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से सर्द हवा आती है। इन इलाकों में सर्दी इस बात पर भी निर्भर करती है कि जम्मू कश्मीर, लद्धाख और हिमाचल प्रदेश जैसे सटते इलाकों में कितनी बर्फबारी हुई है? ये सारी स्थितियां हर साल बदलती रहती हैं, इसी के हिसाब से सर्दी कम या ज्यादा भी होती रहती है।

