भारत राष्ट्र समिति (BRS) एमएलसी के कविता (K Kavitha) से आज दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ कर रहा है। वहीं इससे पहले पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक उनके आवास के बाहर जमा हो गए हैं। इससे पहले शुक्रवार को कविता ने संसद के मौजूदा बजट सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल शुरू की। शुक्रवार को दिल्ली में होने वाली अपनी भूख हड़ताल का हवाला देते हुए उन्होंने जांच एजेंसी से शनिवार तक अपनी पूछताछ स्थगित करने को कहा था।
ईडी द्वारा पूछताछ के लिए समन जारी किए जाने के बाद के कविता आठ मार्च (बुधवार) को दिल्ली पहुंची थीं। गौरतलब है कि शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में 17 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था।
BRS ने पोस्टर जारी कर बीजेपी पर साधा निशाना
वहीं अन्य दलों से भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं और दूसरी ओर बीआरएस एमएलसी के कविता की तस्वीर वाले पोस्टर हैदराबाद में देखे गए। इस पोस्टर में यह दर्शाया गया है कि जब विपक्ष का कोई नेता बीजेपी में शामिल हो जाता है, तो उसके खिलाफ कोई जांच नहीं होती।
वहीं तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष संजय बांदी की एक टिप्पणी पर बीआरएस समर्थकों ने बवाल काटा है। बाद में बीजेपी अध्यक्ष के कार्यालय से सफाई आई जिसमें कहा गया, “बंदी संजय द्वारा करीब 3 दिन पहले दिए गए कुछ बयानों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जा रहा है। यह तेलुगु भाषा में इस्तेमाल होने वाला एक सामान्य वाक्यांश है जिसका अर्थ है कि अगर कोई अपराध करता है, तो क्या आप उसकी सराहना करेंगे या दंडित करेंगे। “
ईडी द्वारा कविता को दिल्ली आबकारी नीति मामले में चल रही जांच के सिलसिले में तलब किए जाने के बाद 8 मार्च को बीआरएस ने केंद्र पर निशाना साधा था। पार्टी ने कहा था कि केंद्रीय जांच एजेंसियां भाजपा की शाखा बन गई हैं। समन को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताते हुए बीआरएस नेता रावुला श्रीधर रेड्डी ने कहा था कि ईडी और भाजपा को छोड़कर कोई भी वास्तव में नई दिल्ली आबकारी नीति के संबंध में दर्ज मामले को नहीं समझता है।
कविता ने संसद के मौजूदा बजट सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल शुरू की। इसमें सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी भी मौजूद थे। जंतर मंतर पर धरने में विपक्षी दलों और महिला संगठनों ने भाग लिया।
कविता ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह विधेयक राष्ट्र के विकास में मदद करेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से संसद में विधेयक पेश करने का आग्रह किया। कविता ने कहा, “महिला आरक्षण विधेयक महत्वपूर्ण है और हमें इसे जल्द ही पेश करने की जरूरत है। मैं सभी महिलाओं से वादा करती हूं कि यह विरोध तब तक नहीं रुकेगा जब तक कि विधेयक पेश नहीं किया जाता। मैं भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से इस विधेयक को संसद में पेश करने का अनुरोध करती हूं।”