Delhi Riots 2020: गर्भवती JMI छात्रा सफूरा जरगर तिहाड़ जेल से रिहा, HC से एक दिन पहले मिली थी बेल; हिंसा भड़काने का है आरोप
हालांकि, कोर्ट ने जमानत के साथ ही सफूरा को आदेश दिया है कि वह 15 दिनों में कम से कम एक बार फोन के ज़रिए जांच अधिकारी के संपर्क में रहेंगी। कोर्ट ने कहा कि वह किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल न हों, जिससे जांच में बाधा आए। इसके अलावा दिल्ली छोड़ने से पहले अनुमति लेनी होगी।

जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी की सदस्य सफूरा जरगर को बुधवार को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। सफूरा को मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने मानवीय आधार पर सफूरा को जमानत दे दी थी। वह 23 हफ्ते की गर्भवती हैं। सफूरा पर दिल्ली में हिंसा भड़काने का आरोप है।
हालांकि, कोर्ट ने जमानत के साथ ही सफूरा को आदेश दिया है कि वह 15 दिनों में कम से कम एक बार फोन के ज़रिए जांच अधिकारी के संपर्क में रहेंगी। कोर्ट ने कहा कि वह किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल न हों, जिससे जांच में बाधा आए। इसके अलावा दिल्ली छोड़ने से पहले अनुमति लेनी होगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही सुनवाई के दौरान जस्टिस राजीव शकधर ने सफूरा को 10 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पेश करने पर रिहा करने का आदेश दिया। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के आरोप में गैर कानूनी गतिविधियां निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत सफूरा जरगर को गिरफ्तार किया गया था।
Delhi: Jamia Coordination Committee member Safoora Zargar has been released from Tihar Jail. She was granted bail by the Delhi High Court yesterday in connection with a case related to the violence which broke out in Delhi in February this year. pic.twitter.com/6DKBJDASvo
— ANI (@ANI) June 24, 2020
बता दें कि कोर्ट में बेल की मांग करते हुए जरगर की वकील नित्या रामकृष्णन ने कहा था कि वह नाजुक हालत में हैं और गर्भवती हैं और अगर पुलिस को याचिका पर जवाब देने के लिए वक्त चाहिए तो छात्रा को कुछ वक्त के लिए अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए। इस पर हाई कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता से मंगलवार को निर्देश लेकर आने को कहा था।