दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली वासियों को बड़ी सौगात देने की तैयारी में है। दिल्ली सरकार की योजना है कि दिल्ली के निजी अस्पतालों के ICU में दिये जाने वाले बेड को मरीजों के लिए मुफ्त कर दिया जाए। बीते मंगलवार (26-11-2019) को दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में एक हलफनामा सौंपते हुए कहा कि अगर सरकारी अस्पताल में ICU बेड मिल पाना मरीज के लिए मुश्किल हो और अगर सरकारी अस्पताल द्वारा उसे रेफर किया जाता है तो ऐसी स्थिति में उसे निजी अस्पतालों में फ्री में ICU बेड मिल सके इस योजना पर काम चल रहा है।

सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि मान्यता प्राप्त अस्पतालों में मरीज का इलाज मुफ्त में होना चाहिए। आम आदमी पार्टी की सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि इस संबंध में जो गाइडलाइन्स जारी किये गये हैं उसमें सभी दिल्ली वासी इस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं और इसमें व्यक्ति के आय से संबंधित कोई अड़चन नहीं है।

दिल्ली सरकार की योजना है कि निजी अस्पतालों में मुफ्त ICU बेड की यह व्यवस्था Delhi Arogya Kosh के तहत दी जाए। दरअसल अदालत साल 2017 की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह याचिका एक नौनिहाल के दिल्ली के सरकारी अस्पताल में ventilator-fitted बेड ना मिल पाने की वजह से हुई मौत से जुड़ी हुई थी।

दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार की तरफ से कहा गया है कि National Accreditation Board for Hospitals & Healthcare (NABH) के निर्देश के मुताबिक निजी अस्पतालों में 100 या उससे ज्यादा बेड की बात कही गई है जिसमें कम से कम 3 ICU बेड की व्यवस्था दी गई है। NABH से मान्यता प्राप्त नर्सिंग होम के पास न्यूबॉर्न की देखरेख के लिए 10 Neonatal ICU बेड हैं।

आपको बता दें कि दिल्ली सरकार 33 Tertiary Care Hospital चलाती है। इसमें कुल बेडों की संख्या 10,059 है। ग्लोबल स्टैडर्ड के मुताबिक इनमें से कम से कम 10 बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा होनी चाहिए। फरवरी के महीने में दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि इन अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा वाले बिस्तरों की संख्या सिर्फ 3.5 फीसदी है। उस वक्त अदालत ने इन अस्पतालों में वेंटिलेटर वाले बेड को बढ़ाने का निर्देश दिया था।

हालांकि जो हलफनामा बीते मंगलवार को अदालत में दिया गया है उसमें बताया गया है कि अभी वेंटिलेटर वाले बेडों की संख्या नहीं बढ़ सकी है। अदालत में सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि निजी अस्पतालों के वेंटिलेटर बेड पर मुफ्त इलाज की योजना बनाई जा रही है। आपको बता दें कि इस तरह के स्कीम बड़े स्तर के डायग्नोस्टिक सुविधाएं जैसे – MRI, PET, CT, सर्जरी इत्यादि में पहले से उपलब्ध हैं।

हालांकि सरकार के लिए इस फैसले को जल्द से जल्द लागू कर पाना इतना आसान भी नहीं है। ICU बिस्तर के लिए CGHS रेट 2,000 रुपए प्रति दिन है लेकिन निजी अस्पताल इससे कई गुना ज्यादा रेट लेते हैं।