SC-ST कमेटी ने 17 पन्नों की रिपोर्ट में एम्स निदेशक को लीगल एक्शन लेने को कहा, पर कोई कार्रवाई नहीं, महिला डॉक्टर पर शिकायत वापसी का भी दबाव
इस मामले में समिति ने अपनी 17 पेज की रिपोर्ट एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया को 24 जून को सौंप दी थी। रिपोर्ट में आरोपी के खिलाफ उपयुक्त प्रशासनिक/कानूनी कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है। आरोपी संस्थान के सेंटर फॉर डेंटल एजुकेशन व रिसर्च में काम करता है।

एम्स में एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर की शिकायत पर कार्रवाई की सिफारिश के बाद भी आरोपी के खिलाफ अभी तक कोई ठोक एक्शन नहीं लिया गया है। इस मामले में समिति ने अपनी 17 पेज की रिपोर्ट एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया को 24 जून को सौंप दी थी।
रिपोर्ट में आरोपी के खिलाफ उपयुक्त प्रशासनिक/कानूनी कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है। आरोपी संस्थान के सेंटर फॉर डेंटल एजुकेशन व रिसर्च में काम करता है। मामला AIIMS में एक फैकल्टी द्वारा एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार करने और उसकी पेशेवर क्षमताओं पर सवाल उठाए जाने से संबंधित हैं।
शिकायत के अनुसार फैक्लटी मेंबर “सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर को ‘अपनी औकात में रहो’ जैसे शब्दों का उपयोग करके “अपने छिपे और निहित सामाजिक पूर्वाग्रह” को दिखाया था। मामले में एक “आंतरिक समिति ने निष्पक्षता के साथ जांच नहीं की। वहीं महिला पर अपनी शिकायत वापस लेने का दबाव डाला ”
इस साल 17 अप्रैल को एम्स की सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर अपने हॉस्टल रूप में अचेत पाई गई थी। डॉक्टर ने किसी दवाई की ओवरडोज ली थी। मामले में दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार महिला ने कहा कि एक फैक्लटी मेंबर उसे दो साल से परेशान कर रहा है और भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है।
महिला का कहना था कि उसने सीडीआईआर प्रमुख से भी इसकी शिकायत की लेकिन हर बार उन्होंने मुझे लिखित शिकायत करने से रोक दिया। अपनी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया कि आरोपी फैक्लटी मेंबर ने उससे कहा- तू एससी है, अपने लेवल में रह। इस मामले में एससी-एसटी सेल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि आरोपी ने महिला के खिलाफ अनुपयुक्त बातें कहीं।
इन बातों को आरोपी ने भी स्वीकार किया और आगे गवाहों ने भी इन बातों की पुष्टि की। इंडियन एक्स्प्रेस को मिली रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि आरोपी ने महिला को ‘बिल्ली’ और ‘अपनी औकात में रहो’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि इस कथित उत्पीड़न के खिलाफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिशन 22 मार्च को एम्स निदेशक से भी मिला था।