Corona Virus: मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए भी संघर्ष, प्रक्रियाओं में उलझन की वजह से घंटों पड़ा रहा शव
महिला के परिवार ने आरोप लगाया कि शुक्रवार की रात उनकी मौत हो गई थी। अस्पताल के अधिकारियों ने शव का "तत्काल दाह संस्कार" करने की सलाह दी थी। लेकिन उनका अंतिम संस्कार शनिवार को 12.30 बजे किया गया।

कोरोना वायरस से संक्रमित 68 वर्षीय एक महिला की दिल्ली में मौत हो गई। जनकपुरी में रहने वाली इस महिला की मौत के 14 घंटे बाद तक उनका शव राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) के लॉन और उसके बाद निगंबोध घाट के परिसर में रखा रहा। महिला के परिवार ने आरोप लगाया कि शुक्रवार की रात उनकी मौत हो गई थी। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल के अधिकारियों ने शव का “तत्काल दाह संस्कार” करने की सलाह दी थी। लेकिन उनका अंतिम संस्कार शनिवार को 12.30 बजे किया गया। अंतिम संस्कार में देरी की वजह चौंकने वाली है। दरअसल महिला की मौत के बाद अस्पताल के अधिकारी, नगरपालिका एजेंसियां और श्मशान में मौजूद कर्मचारी कोरोनोवायरस संक्रमित शरीर को संभालने और उसका अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं थे।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को कोरोना वायरस से संक्रमित शव को संभालने के तरीके के बारे में कोई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी नहीं की गई है। अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक ने हमें एक संक्रमित शव को उस तरह से संभालने के लिए कहा जैसे हम एक जीवित कोरोना वायरस के मरीज का इलाज करते हैं।
महिला के एक रिश्तेदार ने कहा “उनकी मौत रात को ही हो गई थी और अस्पताल के अधिकारियों ने हमें बताया कि वे शव को वहां नहीं रख सकते। लगभग 1 बजे, उसके शरीर को आईसीयू से निकालकर एम्बुलेंस में स्थानांतरित कर दिया गया। हमें विशेष रूप से डॉक्टरों से कहा गया था कि इलेक्ट्रिक या सीएनजी श्मशान सुविधाओं के माध्यम से इनका अंतिम संस्कार जल्द से जल्द कर दिया जाए क्योंकि मृत्यु के बाद भी शरीर में वायरस सक्रिय रहेगा।”
महिला की अंत्येष्टि को लेकर हुए विवाद के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस का शिकार होने वाले लोगों के शवों की अंत्येष्टि के लिए दिशानिर्देश तैयार करने पर काम शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि शव की अंत्येष्टि से कोरोनावायरस संक्रमण फैलने की आशंका नहीं है। लेकिन ऐसे में दिशानिर्देश इस गलत धारणा को खत्म करने के लिए और किसी मृतक से रोग के नहीं फैलने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए तैयार किए जा रहे हैं।
इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के पांच और राजस्थान एवं दिल्ली के एक-एक रोगी सहित जिन सात लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी, उन्हें उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। भारत में कोरोना वायरस से दूसरी मौत शुक्रवार को दर्ज की गई , जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पश्चिम दिल्ली निवासी उस महिला की मौत की पुष्टि की जिसके अपने बेटे के संपर्क में आने से कोराना वायरस से संक्रमित होने की भी पुष्टि हुई थी। उसके बेटे ने हाल ही में विदेश यात्रा की थी।
पहली मौत कर्नाटक में दस मार्च को 76 वर्षीय एक व्यक्ति की हुई थी।