सदर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक हरपाल सिंह बालियान ने मंगलवार को बताया कि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. एके जादौन के यह स्पष्ट करने पर कि चूहा पशु की श्रेणी में आता है, पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
पुलिस ने आरोपी मनोज कुमार के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 429 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर उसको थाने से ही जमानत दे दी।पुलिस अधिकारी ने कहा कि चूंकि इस अपराध के लिए जेल भेजने का प्रावधान नहीं है, इसलिए उसको जमानत पर छोड़ दिया गया है। हालांकि, कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
इसके बाद अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। चूहे का शनिवार को बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) में पोस्टमार्टम किया गया था। आइवीआर के वैज्ञानिक डा अशोक कुमार ने चूहे के शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम विभाग के प्रभारी अधिकारी डा पवन कुमार ने बताया कि चार-पांच दिन में पोस्टमार्टम रिपोर्ट दे दी जाएगी।
बदायूं के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा जादौन ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान में चूहे को पशु बताया गया है, इसी आधार पर उसे पशु माना जाता है। संविधान में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि किसी जीव की हत्या की जाए, इसलिए प्राथमिकी दर्ज करना जायज है।इसके पहले बदायूं नगर के पुलिस उपाधीक्षक आलोक मिश्रा ने बताया था कि चूहे को नाले में डुबो कर मारने का शिकायती पत्र आया था जिस पर तत्काल मनोज कुमार को थाने बुला कर पूछताछ की गई। मिश्र ने बताया था कि चूहा पशु की श्रेणी में नहीं आता है इसलिए पशु क्रूरता अधिनियम लागू नहीं होगा।
बदायूं के पशु प्रेमी विकेंद्र शर्मा ने शुक्रवार को बदायूं के बिजली उपकेंद्र के पास मनोज कुमार को चूहे की पूंछ में धागे से पत्थर बांधने के बाद उसे नाले में फेंकते देखा था। चूहे को क्रूरता के साथ मारने को लेकर विक्रेंद्र की ओर से बदायूं कोतवाली में पशु क्रूरता अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराने को तहरीर दी तो पुलिस ने मनोज को कोतवाली बुला कर पूछताछ की।