CWC मीटः आनंद शर्मा से उलझे अशोक गहलोत! बागियों पर भड़क बोले राजस्थान CM- सोनिया पर नहीं है भरोसा?
Congress Working Committe (CWC) की मीटिंग में शुक्रवार को पार्टी के दो बड़े नेता आपस में उलझ गए। कांग्रेसी चीफ को लेकर चर्चा के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत बागियों पर बुरी तरह भड़क उठे। पूछने लगे, “क्या सोनिया के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है?” बताया जा रहा है कि शर्मा ने बैठक में सीडब्ल्यूसी […]

Congress Working Committe (CWC) की मीटिंग में शुक्रवार को पार्टी के दो बड़े नेता आपस में उलझ गए। कांग्रेसी चीफ को लेकर चर्चा के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत बागियों पर बुरी तरह भड़क उठे। पूछने लगे, “क्या सोनिया के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है?”
बताया जा रहा है कि शर्मा ने बैठक में सीडब्ल्यूसी सदस्यों का चुनाव कराने की मांग बुलंद की थी। सूत्रों के हवाले से कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया, गहलोत ने बैठक के दौरान खफा नेताओं पर निशाना साधा। गहलोत ने मीटिंग में लगभग 15 मिनट तक अपनी बात रखी। कहा- किसान आंदोलन, महंगाई, अर्थव्यवस्था सरीखे कई मुद्दे हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है। ऐसी स्थिति में पार्टी के आंतरिक चुनाव बाद में भी करवाए जा सकते हैं।
उन्होंने आगे पूछा था, “बार-बार जो नेता चुनाव (अध्यक्ष पद के लिए) कराने की मांग उठा रहे हैं, उन्हें क्या पार्टी नेतृत्व (मौजूदा समय में सोनिया अंतरिम अध्यक्ष) पर भरोसा नहीं है?”
बैठक में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मुकुल रॉय और पी चिदंबरम सरीखे नेताओं ने संगठनात्मक चुनाव की मांग उठाई थी। ये कांग्रेस के उन्हीं नेताओं में से हैं, जिन्होंने पार्टी नेतृत्व और प्रबंधन को लेकर हाल-फिलहाल के महीनों में असहज प्रश्न दागे थे।
वहीं, दूसरा धड़ा गांधी परिवार के वफादारों का कहा जा सकता है, जिनमें बताया जाता है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी, तारिक अनवर और ओमान चांडी आदि थे। इन नेताओं का कहना था कि पहले बंगाल समेत पांच राज्यों (असम, केरल, पुदुचेरी और तमिलनाडु) में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस चीफ पद का चुनाव हो।
बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने बताया कि समिति ने निर्णय लिया है कि जून 2021 तक निर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष चुना जाएगा। कृषि कानून के मसले पर उन्होंने आगे कहा- कांग्रेस कार्य समिति ने किसानों के साथ मजबूती से खड़े रहने का निर्णय किया। इसे लेकर हमने प्रस्ताव पास किया है। कार्य समिति ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए ऊपर से नीचे के स्तर तक की कार्ययोजना तैयार की है।